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रक्षामंत्री का भारत के उद्योग जगत से आह्वान

'भारत का उद्योग जगत देश के रक्षा उद्योग को निर्यातोन्मुख बनाए'

सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स का 7वां वार्षिक सत्र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 4 October 2024 06:10:35 PM

annual session of the society of indian defence manufacturers

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के सातवें वार्षिक सत्र में भारत के रक्षा उद्योग को सशक्त बनाने और देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। रक्षामंत्री ने कहाकि रूस और यूक्रेन में जो संघर्ष चल रहा है, वह यह याद दिलाता हैकि देश के रक्षा और औद्योगिक आधार का मजबूत से मजबूत रहना बहुत जरूरी है, जिसे समय केसाथ और ज्यादा विस्तारित किया जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार का अपने तीसरे कार्यकाल में लगातार एक अभिनव और आत्मनिर्भर रक्षातंत्र विकसित करने केलिए प्रयासों को नए सिरे से मजबूती प्रदान कर रही है। उन्होंने रक्षा क्षेत्रमें 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने की पहलों का उल्लेख किया, जिनमें उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों का निर्माण, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना, आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण, डीआरडीओ द्वारा निजी उद्योगों को सहायता प्रदान करना और रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को शुरू करना शामिल है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 5500 से अधिक मदों केलिए बनाई गई स्वदेशीकरण सूची पर कहाकि इसका मकसद सशस्त्र बलों को स्वदेशी प्लेटफार्मों/ उपकरणों से लैस करना है। उन्होंने सूचियों को गतिशील बताते हुए उद्योग जगत से इन वस्तुओं केलिए निर्धारित समय में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करने और सूची को संक्षिप्त करते रहने का आह्वान किया। उन्होंने उद्योग जगत से उन उत्पादों का आकलन और पहचान करने का आग्रह किया, जिन्हें दुनियाभर में रक्षा के क्षेत्रमें होरहे तेजीसे बदलावों के मद्देनज़र स्वदेशीकरण सूची में जोड़ा जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि कारोबार करने में आसानी केलिए देशमें अनुकूल माहौल तैयार हुआ है, भारत के रक्षा उद्योग को निर्यातोन्मुखी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात को 21000 करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर लेजाने में निजी क्षेत्रके योगदान की सराहना की। उन्होंने उद्योग जगत से निर्यात और आयात आंकड़ों को ध्यान में रखने और लक्ष्योन्मुखी दृष्टिकोण केसाथ दोनों केबीच के अनुपात को कम करने का भी आह्वान किया।
रक्षामंत्री ने कहाकि यह काफी खुशी की बात हैकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गया है, जहां सार्वजनिक क्षेत्रके रक्षा उपक्रमों की हिस्सेदारी एक लाख करोड़ रुपये थी, वहीं निजी कंपनियों ने लगभग 27000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि निजी उद्योगों की हिस्सेदारी बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है और अगला लक्ष्य कुल रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को कम से कम 50 प्रतिशत तक लाना होना चाहिए, इस लक्ष्य को हासिल करने में सरकार की तरफ से पूरा समर्थन रहेगा। विदेशी कंपनियों और मूल उपकरण निर्माताओं को भारत में निवेश करने या निजी उद्योग केसाथ संयुक्त उद्यम खोलने केलिए प्रोत्साहित करने पर राजनाथ सिंह ने एसआईडीएम से फर्मों केसाथ सहयोग केलिए योजना तैयार करने का आह्वान किया। उनका विचार थाकि भारतीय उद्योग जगत में विशिष्ट तकनीकों या प्रक्रियाओं को लाने की क्षमता है। राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्रमें लघु और मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप की क्षमता की पहचान करते हुए व्यापार करने में उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एसआईडीएम से मूल मुद्दों को हल करने और सरकार केसाथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हैकि हमारी नीतियां जमीनी स्तरपर व्यापार करने में आसानी में तब्दील हों, ताकि एसआईडीएम स्टार्टअप एवं एसएमई के सामने व्यावहारिक चुनौतियों की पहचान करने में मदद मिल सकें और हम उनका समाधान कर सकें। राजनाथ सिंह ने उद्योग जगत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर डिफेंस और स्वायत्त प्रणालियों जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में अधिक निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि भारत के रक्षा उद्योग को वैश्विक रुझानों केसाथ तालमेल रखना चाहिए और उच्च तकनीक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि एआई और स्वायत्त प्रणालियों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है, जिनकी भविष्य के युद्धों में निर्णायक भूमिका होगी, सरकार इस क्षेत्रमें हर प्रकार की सहायता प्रदान करने केलिए तैयार है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर एसआईडीएम चैंपियन पुरस्कार प्रदान किए, जो रक्षा विनिर्माण में उत्कृष्ट उपलब्धियों का परिचायक हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि पुरस्कार भारतीय निर्माताओं के समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतिबिंब है, जो इस क्षेत्रमें सर्वोत्तम विधियों केलिए एक बेंचमार्क के रूपमें काम करेंगे। सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के सत्र में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सचिव रक्षा उत्पादन संजीव कुमार, एसआईडीएम अध्यक्ष राजिंदर सिंह भाटिया और उद्योग जगत के दिग्गज कारोबारी मौजूद थे। इस सत्र का विषय 'भारतीय रक्षा उद्योग को सशक्त बनाना: निर्यात और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना' था। यह वैश्विक रक्षा निर्यातक और नवाचार केंद्र के रूपमें भारत की बढ़ती भूमिका पर चर्चा करने केलिए हितधारकों को मंच प्रदान करता है।

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