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Saturday 25 January 2025 03:04:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो केसाथ आज हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया हमारा मुख्य अतिथि देश था और यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय हैकि जब हम गणतंत्र के पचहत्तर वर्ष मना रहे हैं, इंडोनेशिया एकबार फिर इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बना है। उन्होंने कहाकि इस अवसर पर मैं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और इंडोनेशिया के संबंध हजारों वर्ष पुराने हैं, रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाएं और ‘बाली जात्रा’ हमारे लोगों केबीच अनवरत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के जीते जागते प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में अपनी इंडोनेशिया यात्रा को याद करते हुए बतायाकि उस दौरान हमने अपनी साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूपमें आगे बढ़ाया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो केसाथ आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई, रक्षा क्षेत्रमें सहयोग बढ़ाने केलिए हमने तय किया हैकि रक्षा विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला मेंसाथ काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद निरोध और कट्टरता-विरोधी में सहयोग पर बल दिया है, आज समुद्री सुरक्षा और संरक्षा में हुए समझौते से अपराध रोकथाम, खोज बचाव और क्षमता निर्माण में हमारा सहयोग और मजबूत हो जाएगा। उन्होंने कहाकि बीते कुछवर्ष में भारत-इंडोनेशिया केबीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आई है और पिछले वर्ष यह 30 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। उन्होंने कहाकि इसे और बढ़ाने केलिए हमने मार्केट एक्सेस और ट्रेड बास्केट की विविधता पर बात की है, निजी क्षेत्रभी हमारे प्रयासों में बराबर के भागीदार हैं। उन्होंने कहाकि आज सीईओ फोरम की बैठक और निजी क्षेत्रमें जो भारत और इंडोनेशिया केबीच समझौते हुए हैं, उनका हम स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रोंमें हमने आपसी सहयोग को और सशक्त करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रमें भारत अपने अनुभव जैसेकि मिड डे मील स्कीम और सार्वजनिक वितरण प्रणाली इंडोनेशिया केसाथ साझा कर रहा है, हमने तय किया हैकि ऊर्जा, क्रिटिकल मिनरल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष एवं शिक्षा के क्षेत्रोंमें साथ मिलकर काम किया जाएगा और दोनों देशों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों केबीच संयुक्त अभ्यास किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि मुझे ख़ुशी हैकि इंडोनेशिया में बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर केबाद अब हम प्रम्बानन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान करेंगे, साथही वर्ष 2025 को भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के रूपमें मनाया जाएगा, इससे भारत और इंडोनेशिया केबीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आसियान और हिंद-प्रशांत क्षेत्रमें इंडोनेशिया हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है, इस पूरे क्षेत्रमें शांति, सुरक्षा, समृद्धि और नियम आधारित व्यवस्था को बनाए रखने केलिए हम दोनों प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम सहमत हैंकि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी एक्ट ईस्ट नीति में आसियान एकता और केंद्रीयता को बल दिया गया है। उन्होंने कहाकि जी-20, आसियान, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे मंचों पर हम मिलकर काम करते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की ब्रिक्स सदस्यता का स्वागत करते हुए कहाकि इन सभी मंचों पर ग्लोबल साउथ के देशों के हितों और उनकी प्राथमिकताओं पर हम सहयोग और समन्वय से काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूपमें राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो की भारत यात्रा पर गर्व व्यक्त किया और कहाकि इस समारोह में पहलीबार इंडोनेशिया के मार्चिंग दस्तों को देखने केलिए हम सभी उत्सुक हैं।