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Monday 22 July 2013 12:15:23 PM
नई दिल्ली। भारत और बांगलादेश के गृह सचिवों की 14 वीं बैठक नई दिल्ली में 19 से 22 जुलाई तक हुई जिसमें इस बात का संज्ञान लिया गया कि सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग और प्रत्यर्पण संधि सहित चार समझौतों से और ज्यादा मजबूती आई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के केंद्रीय गृहसचिव अनिल गोस्वामी ने किया। बांगलादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बांगलादेश सरकार के गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव सी क्यू के मुश्ताक ने किया। दोनों गृह सचिवों ने भारत और बांगलादेश के बीच के शानदार द्विपक्षीय संबंधों को याद करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक में इस बात का संज्ञान भी लिया गया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की भारत और बांगलादेश की जनवरी 2010 और सितंबर 2011 में और बांगलादेश के गृहमंत्री की फरवरी और दिसंबर 2012 में और भारत के गृहमंत्री की बांगलादेश की जुलाई 2011 और जनवरी 2013 के आपसी यात्रा विनिमय से सामान्य रूप से और सुरक्षा सहयोग में विशेष रूप से द्विपक्षीय संबंधों में नई गतिशीलता आई है।
बैठक में दोनों देशों ने सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, सीमा पर गोलोबारी के चलते मौत की घटनाओं, आपसी समझौतों के क्रियान्वयन, स्थल सीमा समझौते में सुधार, वीजा से संबंधित मामले, क्षमता विकास जैसे कई मसलों पर बातचीत हुई। भारत के गृह सचिव ने सुरक्षा संबंधी भारत की चिंताओं को दूर करने में सहयोग के हाथ बढ़ाने पर बांगलादेश सरकार को भारत सरकार की ओर से की गई प्रशंसा की जानकारी दी। दोनों गृह सचिवों ने एक दूसरे की जमीन का आपसी हितों के खिलाफ इस्तेमाल न होने देने के लिए प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने नियोजित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के सुचारू रूप से संचालन पर संतोष जताया और सीमा पर आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियोजित पैट्रोलिंग की संख्या बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों ने उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों में आपसी सहयोग की भावना बढ़ेगी।
दोनों पक्षों ने पाया कि सीबीएमपी के सही क्रियान्वयन से सीमा पर घटनाओं में कमी आई है।बेहतर सीमा प्रबंधन के अतिरिक्त उपाय के रूप में दोनों पक्षों ने बांगलादेश के ब्राह्मण बरिया जिले और भारत के पश्चिम त्रिपुरा जिले के बीच हाल ही में हुए डीसी-डीएम सम्मेलन का स्वागत किया। दोनों पक्ष स्थानीय मुद्दों को सुझाने के लिए सीमा से लगे जिलों के डीएम और डीसी के बीच लगातार संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष सीमा प्रबंधन की जमीनी हकीकत के बारे में मीडिया को भी संवेदनशील बनाने पर सहमत हुए। मानव तस्करी, ड्रग्स, इंटरपोल आदि जैसे सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नोडल बिंदुओं की गतिविधियों को और गहराई से चलाने के लिए दोनों और से समहति हुई। बीजीबी-बीएसएफ डीजी स्तर की बैठकों समेत विभिन्न द्विपक्षीय पद्दतियों के बारे में नियमित विचार विमर्श करने पर संतुष्टि व्यक्त की गई। नारकोटिक महानिदेशक स्तर की बैठकें, सुरक्षा मुद्दों आदि पर समझ बढ़ाने में सहायता मिली तथा मुद्दों को संतोषजनक ढंग से निपटाया जा सका।
वांछित अपराधियों तथा भगोड़ों की धरपकड़ करने में सहयोग करने के लिए दोनों ओर से सहमति हुई। बांगलादेश के गृह सचिव ने बांगलादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबउर रहमान के बंगबंधु के हत्यारों को तुरंत पकड़ने का अनुरोध किया गया। भारत के गृह सचिव ने यह आश्वासन दिया कि भारत इस संबन्ध में सभी संभव सहयोग देगा। दोनों ओर से ड्रग्स की तस्करी को रोकने तथा प्रतिबन्ध पर सहयोग देने पर संतोष व्यक्त किया गया। खुफिया जानकारी देने में सहयोग करने इसका विस्तार करने तथा इसे सुदृढ़ करने पर भी सहमति व्यक्त की गई। महसूस किया गया कि बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की 2010 में भारत यात्रा के दौरान हुए आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी सहायता, सज़ा पा चुके व्यक्तियों के स्थानांतरण तथा आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश सहित तीनों समझौतों पर संतोषजनक ढंग से अमल हो रहा है। दोनों गृहमंत्रियों ने सज़ा काट चुके कैदियों के सत्यापन और प्रत्यावर्तन की व्यवस्था की समीक्षा की।
दोनों पक्षों ने इच्छा व्यक्त की कि एक दूसरे की जेल में सज़ा काट रहे व्यक्तियों को बाकी सज़ा पूरी करने के लिए अपने देश भेजने संबंधी समझौते को शीर्घ कार्यान्वित करने की कोशिश की जाए। उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि साइबर अपराध निरोध और फॉरेंसिक जांच-पड़ताल से जुड़े प्रशिक्षण के लिए सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए तथा सद्भावना दौरों की संख्याएं भी बढ़ाई जानी चाहिएं। बंगलादेश के गृहमंत्री ने गृहसचिव स्तर की 15वीं वार्ता के लिए भारत के गृह सचिव को बंगलादेश आमंत्रित किया। इसके लिए दोनों पक्ष आपसी सहमति से तारीख तय करेंगे।