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Tuesday 13 August 2013 08:28:42 AM
कोच्चि। अथर्व वेद के मंत्रोच्चार के बीच रक्षा मंत्री एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी ने भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) का विक्रांत के रूप में नामकरण किया, जिसका संस्कृत में अर्थ होता है–‘साहसी’ अथवा ‘विजयी’। भारत के इस पहले विमान वाहक जहाज को 31 जनवरी 1997 से काम से हटा लिया गया था। पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ कोच्चि में एलिजाबेथ एंटनी ने एके एंटनी, जहाजरानी मंत्री जीके वासन, नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी आदि की उपस्थिति में ‘विक्रांत’ को नये अवतार में उतारा। इसी के साथ परियोजना के पहले चरण की समाप्ति हो गई है।
इसमें 37,500 टन का रैंप लगाया गया है, जो विमान को उड़ान भरने में मदद करता है। इसकी स्वदेशी डिजाइन से भारत की क्षमता बढ़ी है। इस जहाज की लंबाई लगभग 260 मीटर और इसकी अधिकतम चौड़ाई 60 मीटर है। विक्रांत अब निर्माण के दूसरे चरण में प्रवेश करेगा, जिसके दौरान जहाज के बाहरी हिस्से की फिटिंग, विभिन्न हथियारों और सेंसरों की फिटिंग, विशाल इंजन प्रणाली को जोड़ने और विमान को उसके साथ जोड़ने का काम पूरा किया जाएगा। वर्ष 2016-17 के आसपास भारतीय नौसेना को सौंपे जाने से पहले इस जहाज का व्यापक परीक्षण किया जाएगा।