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Saturday 21 September 2013 10:04:55 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सांप्रदायिक हिंसा को विक्षिप्तता कहा है और शांति एवं भाइचारा फैलाने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया है। राष्ट्रपति ने धर्मों के बीच सांप्रदायिक हिंसा पर दुख प्रकट किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (21 सितंबर 2013) के अवसर पर अखिल भारतीय अहिंसा परमो धर्म: जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने इस दौरान राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में विभिन्न धर्मों के नेताओं को संबोधित भी किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि अखिल भारत, अखिल आस्था अभियान का उद्देश्य हिंसा मुक्त समाज बनाना है। उन्होंने कहा कि अहिंसा और शांति हमारी सभ्यता की प्राथमिक शिक्षा है, कोई धर्म हिंसा नहीं सिखाता, प्रत्येक धर्म प्रेम, करुणा और सेवा की शिक्षा देता है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत की सभ्यता पांच हजार वर्ष पुरानी है, जहां भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने अहिंसा के उपदेश दिए, भारत हमेशा सभी आस्था, विश्वास, धर्मों और रीति-रिवाजों को मानता आया है।
इस अवसर पर ब्रह्म कुमारी की 97 वर्ष की दादी जानकी, भारतीय बहाई समुदाय के राष्ट्रीय न्यासी डॉ एके मर्चेंट, फादर डोमिनिक इमानुएल, दिल्ली कैथोलिक आर्कडियोसी के निदेशक फादर डोमिनिक इमानुएल, जमायते इस्लामी हिंद के सचिव इजाज अहमद असलम, भारतीय महाबोधि सोसायटी के वेन आर सुमितानंदा जैसे सभी धर्मो के नेता उपस्थित थे।