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राष्‍ट्रपति ने बांटे शास्‍त्रीय तमिल के पुरस्‍कार

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Wednesday 9 October 2013 09:29:34 AM

pranab mukherjee

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज राष्‍ट्रपति भवन में वर्ष 2009-10 और 2010-11 के लिए शास्‍त्रीय तमिल के राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार प्रदान किए। शास्‍त्रीय तमिल में आजीवन उपलब्धि के लिए टोकापियार पुरस्‍कार वर्ष 2009-10 और 2010-11 के लिए क्रमश: डॉ इरावथम महादेवन और प्रोफेसर तमिझानल पेरियाकरूप्‍पन को प्रदान किया गया। इन्‍ही वर्षों के लिए कुरल पीतम पुरस्‍कार क्रमश: डॉ जारोसलव वसक और डॉ जॉन रालस्‍टन मॉर को दिए गए।
तमिल भाषा के ऐसे युवा विद्वानों को भी पुरस्‍कृत किया गया, जिन्‍होंने शास्‍त्रीय तमिल में शिक्षण, अनुसंधान और प्रकाशन में श्रेष्‍ठता का प्रदर्शन किया था। वर्ष 2009-10 के लिए डॉ टी सुरेश, डॉ एस कल्‍पना, डॉ आर चंद्रशेखरन, डॉ वाणी अरिवालन, डॉ मुथामिझसेलवन को युवा विद्वान पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया, जबकि 2010-11 के लिए डॉ टी संज्ञा, डॉ ए जयकुमार, डॉ ए मणि, डॉ एस चिदंबरम और डॉ के सुंदरापंडियन को पुरस्‍कार प्रदान किए गए।
राष्‍ट्रपति के टोकापियार और कुरल पीदम पुरस्‍कार विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और शॉल के अलावा पाँच लाख रूपये का नकद पुरस्‍कार और युवा वि़द्वान पुरस्‍कार विजेताओं को एक-एक लाख रूपये दिये जाते हैं। ये पुरस्‍कार भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्‍वावधान में कार्यरत केंद्रीय शास्‍त्रीय तमिल संस्‍था ने शुरू किए हैं।

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