स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 9 November 2013 09:26:22 AM
नई दिल्ली। कुवैत के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शैख जाबिर की भारत की सरकारी यात्रा के दौरान प्रीतिभोज पर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि प्राचीन काल से ही कुवैत भारत के साथ वाणिज्य, संस्कृति और धर्म के मामले में पश्चिम एशिया के साथ संपर्क का आंतरिक अंग रहा है, आज हमारे संबंध हमारे लोगों के बीच सुकून और कल्याण की प्रगाढ़ भावना में निहित हैं, समान रूप से उसमें भारत के लिए गर्मजोशी और प्यार है, जो मैंने कुवैत के नेतृत्व में देखा है और उससे हमारे संबंधों में विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कुवैत में रह रहे 70 लाख भारतीय कुवैत और भारत के बीच जीवंत पुल हैं, वे अपना जीवन बना रहे हैं, घर पर अपने परिवारों की सहायता कर रहे हैं और कुवैत के बहुलवाद एवं प्रगति में योगदान कर रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत और कुवैत सिर्फ मानव संपर्क की अनिवार्यता से ही आपस में नहीं जुड़े हैं, हमने बहुस्तरीय भागीदारी का भी निर्माण किया है, जो हमारे महत्वपूर्ण हितों की पूर्ति करती है, अपने संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के जरिए भारत और कुवैत अनेक चुनौतियों से भी ज्यादा कारगर ढंग से निपट सकते हैं, जिनका सामना उन्हें अपने साझा पड़ोस में करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने ऊर्जा कारोबार को रणनीतिक भागीदारी में बदलने की संभावनाओं पर चर्चा की है, यह परस्पर लाभप्रद शर्तों पर दीर्घावधि आपूर्ति व्यवस्था और भारत में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम पेट्रोलियम एवं पेट्रोकैमिकल परियोजनाओं की स्थापना में सहयोग के जरिए किया जा सकता है, हमने भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कुवैत का निवेश बढ़ाने के लिए उच्च स्तर की महत्वाकांक्षा भी प्रकट की है, इसके अतिरिक्त, कुवैत ने नई विकास योजना की महत्वाकांक्षा प्रकट की तो हम भी भारत से कुवैत में परियोजना निर्यात के लिए असीम संभावनाएं देखते हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहयोग ने हमारे संबंधों में नए आयाम जोड़े हैं, इसका पता उस साझा दृष्टिकोण से चलता है कि हम दोनों को प्रभावित करने वाले उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने के लिए हमारा सहयोग अनिवार्य है। जून 2006 में कुवैत के अमीरशैख सबाह अल-अहमद अल-जाबिर अल-सबाह की ऐतिहासिक भारत यात्रा के दौरान, हमने 21वीं सदी में अपने संबंधों के लिए नई योजना बनाई थी, वर्तमान यात्रा ने हमारे सफर को और परवान चढ़ाया है, हम क्षेत्र में शांति कायम रखने में आपके योगदान की कद्र करते हैं और हमें उम्मीद है कि क्षेत्र की अनेक चुनौतियों के समाधान तलाशने में कुवैत का नेतृत्व आगे आएगा। उन्होंने शैख जाबिर के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए, कुवैत की मैत्रीपूर्ण जनता की समृद्धि और खुशी के लिए तथाभारत और कुवैत के बीच दोस्ती के अमिट बंधन के लिए प्रीतिभोज में साथ देने के लिए आमंत्रित किया।
कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने मीडिया को वक्तव्य भी जारी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आज कुवैत हमारे सबसे अधिक बहुमूल्य भागीदारों में से एक है तथा दुनिया के महत्वपूर्ण क्षेत्र में करीबी दोस्त है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, यह हमारे निर्यात के सबसे बड़े गंतव्य स्थलों में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शैख जाबिर के साथ बहुत सार्थक वार्ताहुई। हम ऊर्जा और निवेश सहित मुख्य क्षेत्रों में अपने संबंधों के विस्तार के लिए उद्देश्पूर्ण ढंग से काम करने पर सहमत हुए। कुवैत भारत को कच्चे तेल का निर्यात करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है, प्रधानमंत्री शैख जाबिर और मैंने दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में अधिक रणनीतिक भागीदारी के विकास पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और खाड़ी में विकास के बारे में भी हमारे साझा दृष्टिकोण हैं, जहां हमारे दोनों देश के शांति एवं स्थिरता में साझा हित हैं, हम सीरिया संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का महत्व समझते हैं और आशा है कि इस दिशा में जिनेवा-2 कांफ्रेंस योगदान देगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहयोग ने हमारे संबंधों में नए आयाम जोड़े हैं और मैंने इस क्षेत्र में कुवैत के सहयोग के लिए आभार प्रकट किया है, हम सहमत हुए हैं कि कट्टरपंथ और उग्रवाद से निपटना साझा चुनौती है, हम संस्थागत वार्ता और प्रशिक्षण के जरिए आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमत हुए।