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Monday 17 February 2014 01:46:48 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि बहु-समुदायवाद और सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता भारत की शक्ति है, देश की ये विशेषताएं प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि हमें असहिष्णुता, पूर्वाग्रह और नफरत को अनिवार्य रूप से अस्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास और परंपराओं ने तर्कशील भारतीय का हमेशा सम्मान किया है, लेकिन असहिष्णुता को कभी स्वीकार नहीं किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन भारत की उदार, लोकतांत्रिक, बहुभाषाई, बहु-सांस्कृतिक और धर्मनिरपेक्ष समाज की अभिव्यक्ति है, जहां प्रतिस्पर्धी विचारों और विचारधाराओं के लिए एक समान स्थान है। उन्होंने इस वर्ष के पुस्तक मेले के लिए बाल साहित्य को मुख्य विषय चुने जाने पर आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने लेखकों, प्रकाशकों और सरकार से मांग की कि वे बच्चों के साहित्य को बढ़ावा देने पर सर्वाधिक ध्यान दें।