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Monday 18 August 2014 06:56:14 PM
देहरादून। धूमसू जौनसारी जनजातीय सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था के विकास नगर कार्यालय में जौनसार बावर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध लोकगायक जगतराम वर्मा की दूसरी पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जौनसार बावर क्षेत्र के लोक कलाकारों और क्षेत्रीय जनता ने उनके क्षेत्रीय संस्कृति के विकास में अनुकरणीय योगदान के लिए याद किया गया। ज्ञातव्य है की दो वर्ष पूर्व लोकगायक जगतराम वर्मा की चिल्हाड़ त्यूनी के पास एक बस दुर्घटना में मौत हो गई थी, धूमसू मंच ने जगतराम वर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। वृक्षारोपण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, मंच ने उनके गाए गीतों को प्रस्तुत किया गया तथा लोकसंगीत की धुन में गीतों का गायन भी हुआ।
धूमसू मंच की अध्यक्ष शांति वर्मा ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि एक संस्कृति को अपनी आवाज़ से जगाने वाले व संस्कृति के गीतों को देश-विदेश तक पहुंचाने वाले लोक कलाकार जगतराम वर्मा को हमने इतनी जल्दी भुला दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही जगतराम वर्मा की असमय हुई मौत ने लोक विधा को कुछ समय तक के लिए शून्य कर दिया हो, लेकिन जिंदगी अपनी पटरी पर निरंतर दौड़ती ही रहती है। शांति वर्मा ने कहा कि हां, उनकी जगह भरना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उनके सुर का जादू हमेशा सिर चढ़कर बोलता था, जगतराम वर्मा हम कलाकारों के लिए एक विरासत छोड़ कर गए हैं, जिसके लिए हमें एकजुट होना जरूरी है।
शांति वर्मा ने इस अवसर पर पहुंचे कलाकारों का धन्यवाद किया। उनके पुत्र राहुल वर्मा ने कहा कि उनका परिवार इस बात का ऋणी है कि धूमसू मंच ने उनके पिता की पुण्य तिथि मनाई, लेकिन साथ ही उन्होंने भी इस बात का खेद व्यक्त किया कि जिस समाज के लिए उनके पिता ने अपना योगदान दिया वह उन्हें इतनी जल्दी भुलाने लगा है। इस अवसर पर धूमसू मंच के लोककलाकारों के अलावा राकेश शर्मा, सुरेश, मनु जौनसारी, भगत दयाल, रितेश वर्मा, संस्कार तिवारी, मीनू तिवारी, निकिता वर्मा, मीना वर्मा इत्यादि ने शिरकत की।