स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 23 March 2015 12:26:37 AM
नोयडा। केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और नागर विमानन (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने नोयडा में आईआईटीटीएम के दूसरे दीक्षांत समारोह में पर्यटन मंत्रालय के भारतीय पर्यटन संस्थान और यात्रा प्रबंधन के 1605 स्नातकों को डिग्री-डिप्लोमा प्रदान किए। डॉ महेश शर्मा पर्यटन मंत्रालय के एक स्वायत्तशासी संगठन आईआईटीटीएम के गर्वनर बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मेधावी छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विशिष्टता पुरस्कार प्रदान किए। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता पर्यटन सचिव डॉ ललित के पवार ने की। दीक्षांत समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर टीवी कट्टीमणि भी उपस्थित थे।
डॉ महेश शर्मा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय में नोयडा में राष्ट्रीय पर्यटन विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव की प्रक्रिया चालू है और यह जल्द ही तैयार हो जाएगा, इसी प्रकार नोयडा में एक सांस्कृतिक संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव भी है। आईआईटीटीएम के स्नातकों को अपनी शुभकांमनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि वे अब पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए देश के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि स्नातक अपनी डिग्री के साथ एक ऐसे संसार में प्रवेश कर चुके हैं, जिसमें उनकी प्रगति की अपार संभावनाएं हैं। डॉ महेश शर्मा ने छात्रों का प्रोत्साहन बढ़ाते हुए कहा कि वे यहां से प्राप्त किए गए ज्ञान, मूल्यों और क्षमताओं का उपयोग अपने जीवन को संवारने और इसके माध्यम से आईआईटीटीएम की प्रतिष्ठा बढ़ाने में करें।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन, संस्कृति और नागर विमानन के बीच का समन्वय मेक इन इंडिया को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बना सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र से ना सिर्फ विदेशी मुद्रा अर्जित होती है, बल्कि खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत से रोज़गारों का भी सृजन होता है और यह महिला सशक्तिकरण का एक स्रोत भी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटीटीएम के स्नातक भारत के अतिथि देवो भव: के आतिथ्य-मंत्र को साकार रूप देंगे। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2009, 2010, 2011 और 2012 के कुल 1605 छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रदान किए गए और 12 छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पर्यटन और यात्रा में कुल चार छात्रों को 20 हजार रूपए का प्रतिष्ठित इंदर शर्मा पुरस्कार और 15 हजार रूपए का एसके मिश्र पुरस्कार प्रदान किया गया।