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Thursday 23 April 2015 01:36:06 AM
चेन्नई। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रेल बजट 2015-16 में किए गए एक और वादे को पूरा करते हुए कल चेन्नई में एग्मोर-ताम्बरम उपनगरीय खंड पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कागज रहित अनारक्षित टिकट के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया। रेलमंत्री ने रेल बजट में की गई अपनी घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि यात्रियों की खातिर रेलवे 'ऑपरेशन पांच मिनट' के प्रति कटिबद्ध है। 'ऑपरेशन पांच मिनट' के तहत महज पांच मिनट के भीतर कोई भी अनारक्षित ट्रेन टिकट खरीदा जा सकता है और कागज रहित अनारक्षित मोबाइल टिकट को लांच किया जाना इस दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के तहत यात्री कहीं आते-जाते वक्त भी टिकट खरीद सकते हैं और अपने मोबाइल फोन पर आए टिकट संबंधी एसएमएस को दिखाकर निर्धारित ट्रेन से सफर कर सकते हैं, इसके लिए टिकट का प्रिंट लेने की कतई जरूरत नहीं है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कागज रहित अनारक्षित टिकट मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 'क्रिस' के सभी सदस्यों की सराहना की और अन्य आईटी परियोजनाओं के जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अनूठे विचारों का सदैव ही स्वागत है। रेलमंत्री ने कहा कि उन्होंने 'कायाकल्प' परिषद का गठन किया है, जो भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए अनूठे विचारों पर गौर करेगी। सुरेश प्रभु ने भारतीय रेलवे के एक आईटी प्रकोष्ठ रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) में भारतीय रेलवे डाटा सेंटर की आधारशिला रखने के लिए एक पट्टिका का अनावरण भी किया, जो आवश्यक कंप्यूटर उपकरणों को सहेज कर रखने की अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। सुरेश प्रभु ने कहा कि वह इस नई इमारत के पर्यावरण अनुकूल होने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने उच्च गुणवत्ता एवं कम लागत सुनिश्चित करते हुए तय समयसीमा से पहले ही इस इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अधिकारियों का आह्वान किया।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 1986 से ही भारतीय रेलवे की एक आईटी शाखा के रूप में कार्यरत क्रिस ने रेलवे से जुड़े व्यापक आईटी एप्लिकेशन जैसे यात्री आरक्षण प्रणाली, अनारक्षित टिकट प्रणाली और माल ढुलाई परिचालन सूचना प्रणाली का प्रबंधन करने में अपनी क्षमता पहले ही सफलतापूर्वक साबित कर दी है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों के दौरान क्रिस ने अन्य केंद्रीकृत एप्लिकेशन जैसे कंट्रोल ऑफिसर एप्लिकेशन, क्रू मैनेजमेंट सिस्टम और एकीकृत कोचिंग प्रबंधन प्रणाली को क्रियांवित किया है। एके मित्तल ने कहा कि क्रिस के इन बड़ी प्रणालियों को विकसित एवं क्रियान्वित करने की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने से भारतीय रेलवे की परिसंपत्तियों के कारगर इस्तेमाल में व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे और इसके साथ ही लागत कम होगी तथा उसकी सेवाएं भी बेहतर होंगी।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) अजय शुक्ला ने कहा कि अनारक्षित टिकट प्रणाली क्रिस से विकसित की गई एक महत्वपूर्ण राजस्व अर्जक प्रणाली है। उन्होंने कहा कि तकरीबन दो करोड़ यात्री हर दिन लगभग 11470 काउंटरों और 5836 स्थानों पर अनारक्षित टिकट खरीदते हैं, जिनसे हर रोज करीब 52 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित होता है। उन्होंने भारतीय रेलवे हेतु कागज रहित अनारक्षित टिकट प्रणाली का मोबाइल एप्लिकेशन सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए क्रिस को बधाई दी। 'डिजिटल इंडिया' विज़न से तालमेल बैठाते हुए क्रिस ने एंड्रॉयड एवं विंडोज़ दोनों ही प्लेटफॉर्म के लिए मोबाइल एप्लिकेशन 'अटसनमोबाइल' में कागज रहित अनारक्षित टिकट की सुविधा विकसित की है। उन्होंने कहा कि इससे स्टेशनों पर स्थित एटीवीएम पर अनारक्षित टिकटों का प्रिंट निकालने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। यूजर्स इसके लिए गूगल प्ले स्टोर या विंडो स्टोर से ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
दक्षिणी रेलवे में चेन्नई के एग्मोर-तांबरम उपनगरीय खंड पर एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में यह एप्लिकेशन लांच किया गया है, जिसके तहत 15 स्टेशनों को कवर किया गया है। कागज रहित टिकट हेतु एग्मोर-तांबरम उपनगरीय खंड के उपनगरीय रेलवे ट्रैक के लिए जीपीएस समन्वय स्थापित करता है। इसके अलावा पटरी के दोनों ही तरफ 15 मीटर तक के क्षेत्र को जियो-फेंसिंग क्षेत्र निर्धारित किया गया है, जिसके दायरे में किसी भी टिकट बुकिंग की इजाजत नहीं होगी, ताकि यात्रीगण सफर शुरू होने से पहले ही टिकट जरूर हासिल कर लें। कागज रहित टिकट प्रणाली के क्रियांवयन के बाद चेन्नई-एग्मोर से लेकर तांबरम तक के खंड पर स्थित एटीवीएम पर टिकट प्रिंट करने की सुविधा नहीं होगी। इस एप्लिकेशन में ऑन-स्क्रीन अलर्ट देने की सुविधा है, जिससे बुकिंग प्रक्रिया के दौरान यात्री का मार्गदर्शन होता रहेगा। इस ऐप में दी गई 'रेलवे वॉलेट' सुविधा के जरिए टिकट का भुगतान किया जाता है।
टिकट बुकिंग के बाद संबंधित यात्री को 'टिकट पुष्टि स्क्रीन' हासिल होगी, जिसमें टिकट के बारे में सीमित सूचनाएं होंगी। सफर के कागज रहित टिकट को इनक्रिप्टेड स्वरूप में लोकल मोबाइल एप्लिकेशन डेटाबेस पर स्टोर किया जाएगा, जिसके साथ छेड़छाड़ करना कतई संभव नहीं होगा। उपनगरीय खंडों के लिए तय नीति के मुताबिक संबंधित यात्री को एक घंटे के भीतर अपना सफर शुरू कर देना होगा। कागज रहित मोड में बुक किए गए टिकट को निरस्त नहीं किया जा सकेगा। इसका मुख्य उद्देश्य सफर के बाद रिफंड का दावा करने से यात्री को रोकना है। उपर्युक्त ट्रेन टिकट में हर दिन कोई खास कलर स्कीम होगी और उसके साथ क्विक रेस्पांस (क्यूआर) कोड होगा। इसे किसी अन्य मोबाइल पर फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा और न ही उसकी एडिटिंग अथवा प्रिंटिंग हो सकेगी। पुराने अमान्य टिकटों को ऐप में दी गई एक खास सुविधा के जरिए मोबाइल फोन से हटाया जा सकेगा।
टिकट को चेक करने के लिए एप्लिकेशन में अनेक सुविधाएं दी गई हैं, इनमें कलर स्कीम, टिकट दिखाने की सहूलियत, किसी खास दिन का गोपनीय कोड, टिकट की बुकिंग का समय और 'आईआर अनारक्षित टिकट' को स्क्रॉल करने की सुविधाएं शामिल हैं। भारतीय रेलवे डाटा सेंटर दरअसल 'क्रिस' के मौजूदा कार्यालय के परिसर में एक नई इमारत के रूप में होगा। भारतीय रेलवे अपने ग्राहकों से जुड़ी वाणिज्यिक गतिविधियों, रेलगाड़ियों के परिचालन और इंटरनेट के प्रबंधन के लिए सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) पर काफी हद तक निर्भर है।