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Friday 25 September 2015 02:50:56 AM
लखनऊ। भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 बैच के 16 परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने, जिनमें 4 महिलाएं और 12 पुरूष सम्मिलित हैं तथा प्रांतीय सिविल सेवा 2011 बैच के चयनित 27 परिवीक्षाधीन अधिकारी, जिनमें 6 महिलाएं और 21 पुरूष हैं, राजभवन में राज्यपाल राम नाईक से भेंट की। राज्यपाल ने परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहा है कि देश के संविधान के अनुरूप अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी कार्यपालिका के प्रमुख घटक हैं, वे प्रशासन की रीढ़ की हड्डी के समान हैं, उनका पद प्रतिष्ठित पद है, जिसका दायित्व प्रदेश एवं देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी का पद आम जनता के हित एवं विकास से जुड़ा है, योजनाओं के क्रियांवयन की जिम्मेदारी अधिकारियों पर निर्भर करती है, कोशिश होनी चाहिए कि जनहित की सभी परियोजनाएं समय और व्यय के अनुरूप गुणवत्ता सहित पूरी हों। अधिकारी आम आदमी तक अपनी पहुंच बनाएं, अपना व्यक्तित्व ऐसा बनाएं कि सबको लगे कि आप उनकी बात सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबकी बात सुनने के बाद निष्पक्षता से अपनी अंतरात्मा की आवाज़ के अनुरूप जिम्मेदारी का निर्वहन करें। राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी समय पर काम करने की आदत डालें तथा आने वाले कल की तैयारी आज करें। उन्होंने कहा कि विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका के साथ-साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारिता से जुड़े लोगों से भी अधिकारियों का सम्मानपूर्ण रिश्ता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनहित की खबरें उपलब्ध कराना भी अधिकारियों की कुशलता पर निर्भर करता है।
राम नाईक ने कहा कि समयबद्ध कार्य-पद्धति को बढ़ावा दें तथा जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएं, समय सीमा के भीतर कार्य करने तथा अच्छे व्यवहार से अधीनस्थ कर्मचारियों पर भी अच्छा प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि समाज में भ्रष्टाचार रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। राम नाईक ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जनता के हित के लिए अभिनव प्रयोग करें तथा आत्मावलोकन करें कि जनता के लिए उनके कार्य से वे स्वयं कितने संतुष्ट हैं। उन्होंने अपने गुरू के मंत्र भी बताए कि अपनी जिम्मेदारी को सदैव प्रसन्नचित होकर निपटाएं, दूसरों के अच्छे कार्य की प्रशंसा करके उसका मनोबल बढ़ाएं, किसी की अवमानना या निंदा न करके उसको हतोत्साहित न करें तथा हर कार्य को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने अपने जीवन से जुड़े अंशों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने महालेखाकार कार्यालय में अपर डिविजन क्लर्क से नौकरी की शुरूआत की फिर वहां से त्यागपत्र देकर कंपनी में मुख्य लेखाकार का दायित्व निभाया फिर कुछ दिनों बाद नौकरी छोड़कर मुंबई बोरीवली से तीन बार विधायक रहे, उत्तर मुंबई लोकसभा से लगातार पांच बार सांसद हुए तथा 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में नियोजन, गृह तथा रेल राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की दोबारा सरकार बनने पर पांच साल तक पेट्रोलियम मंत्री रहे। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव तथा राजभवन के इतिहास के बारे में भी परिवीक्षाधीन अधिकारियों के साथ विचार साझा किए। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक नेतराम, राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, अकादमी की अपर निदेशक अमृता सोनी, अपर निदेशक रामदीन एवं अपर निदेशक राकेश वर्मा और अधिकारी उपस्थित थे।