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Thursday 8 October 2015 12:17:36 AM
विशाखापत्तनम। पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने विशाखापत्तनम के नौसेना बेस में एक भव्य समारोह में स्वदेश में निर्मित टारपीडो लांच और रिकवरी पोत 'आईएनएस अस्त्रधारिणी’ नियुक्त किया। एडमिरल सतीश सोनी ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए जहाज निर्माण और परीक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिपयार्ड साझेदारी करने में एनएसटीएल के योगदान के लिए उन्हें बधाई दी, जिसने कि बेहतरीन जहाज निर्माण की दिशा में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आईएनएस अस्त्रधारिणी स्वदेशीकरण पर राष्ट्र के चल रहे प्रयासों पर बल देता है और पानी के भीतर के हथियारों के विकास में आत्मनिर्भरता के राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा को प्रशस्त करता है। उन्होंने कमीशन पट्टिका का अनावरण किया और देश के लिए जहाज को समर्पित किया।
एडमिरल सतीश सोनी ने नौसेना अधिकारी प्रभारी (आंध्र प्रदेश) कमोडोर केए बोपन्ना के नौसेना घाट पर पहुंचने पर उनका स्वागत किया और गार्ड प्रस्तुत किया। मैसर्स शोफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड भरूच गुजरात के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सहाय राज ने उद्घाटन भाषण दिया। एनएसटीएल विशाखापट्टनम के निदेशक सीडी मालेसवर, विख्यात वैज्ञानिक एवं डीआरडीओ के महानिदेशक (एनएस एंड एम) डॉ वी भुजंगा राव और एनओआईसी (एपी) ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय गान के साथ ‘ब्रेकिंग ऑफ द कमिशनिंग पैनेंट’ के लिए जहाज पर नौसेना पताका फहराकर समारोह का समापन किया गया। 'आईएनएस अस्त्रधारिणी' का प्रारूप एनएसटीएल मैसर्स शोफ्ट शिपयार्ड और आईआईटी खड़कपुर के संयुक्त प्रयासों का नतीजा था, इसके कटमरैन पतवार फार्म के अद्वितीय प्रारूप के कारण इससे विद्युत की खपत में पर्याप्त कमी आती है और यह स्वदेशी स्टील से बनाया गया है।
'आईएनएस अस्त्रधारिणी' पोत 50 मीटर की लंबाई वाला 15 समुद्री मील तक की गति में सक्षम है। यह उच्च समुद्र हालातों में काम कर सकता है, इसमें तैनाती और परीक्षणों के दौरान टारपीडो के विभिन्न प्रकार से उबरने के लिए टारपीडो लांचर के साथ एक बड़ा डेक क्षेत्र है। जहाज में आधुनिक विद्युत उत्पादन और वितरण नेविगेशन और संचार प्रणाली भी है, जहाज का अनूठा पतवार फार्म देश के जहाज के प्रारूप और जहाज निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है। यह गर्व की बात है कि इस जहाज की प्रणाली का 95 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी प्रारूप का है, इस प्रकार यह 'मेक इन इंडिया' दर्शन के लिए नौसेना के निरंतर पालन को दर्शाती है।