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Friday 23 October 2015 05:34:36 AM
नई दिल्ली। पुलिस और अर्धसैनिक संगठनों में 21 अक्टूबर का दिन खासतौर से काफी भावनात्मक होता है। इनके लिए यह शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, शहीद साथियों की याद में शोक परेड आयोजित की जाती है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिल्ली पुलिस ने किंग्जवें कैंप स्थित नई पुलिस लाइन मैदान में पुलिस स्मृति दिवस पर उन शहीद साथियों का स्मरण करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने राष्ट्र और जनजीवन की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने शहीद पुस्तिका से देश के पुलिस और अर्धसैनिक संगठनों के 443 अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की संख्या और उनके नामों को उद्घोषित किया। ये वो हैं जिन्होंने 1 सितंबर 2014 से लेकर 31 अगस्त 2015 तक कर्तव्य पालन के दौरान प्राणों का बलिदान देकर अपने साथियों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। इनमें गतवर्ष शहीद साथियों में दिल्ली पुलिस के 14 शहीद पुलिसकर्मी शामिल हैं।
अपने कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अधिकारियों एवं जवानों की संख्या इस प्रकार है-आंध्र प्रदेश से 14, असम 6, छत्तीसगढ़ 37, गुजरात 7, जम्मू-कश्मीर 24, झारखंड 11, कर्नाटक 11, केरल 1, मध्य प्रदेश 17, मणिपुर 3, महाराष्ट्र 10, मेघालय 7,राजस्थान 1, ओडीशा 2, उत्तर प्रदेश 108, पंजाब 4, उत्तराखंड 6, नागालैंड 2, तेलंगाना 4, पश्चिम बंगाल 23, बीएसएफ 47, सीआईएसएफ 8, सीआरपीएफ 31, आईटीबीपी 9, आरपीएफ 9, एसएसबी 22, हरियाणा 2 और मिजोरम से 3 अधिकारी और पुलिसकर्मी हैं। शहीदों में दिल्ली के एसआई सूबेदार खान (पीसीआर), एसआई हजारी लाल (बाहरी जिला), एएसआई नगेंद्रपाल (दक्षिण-पूर्वी जिला), हेडकांस्टेबल कुलदीप सिंह डागर (उत्तर-पश्चिम जिला), कांस्टेबल प्रवीण (पश्चिम जिला), कांस्टेबल अजमेर सिंह (पूर्वी जिला), कांस्टेबल सतेंद्र सिंह (दक्षिण-पूर्वी जिला), कांस्टेबल स्वकार प्रसाद रामाराव (दक्षिण-पूर्वी जिला), कांस्टेबल जगबीर (बाहरी जिला), कांस्टेबल सहनसर पाल (उत्तर-पूर्वी जिला), कांस्टेबल कर्मवीर सिंह (बाहरी जिला), कांस्टेबल योगेश कुमार (यातायात), कांस्टेबल सत्यपाल सिंह (मध्य जिला) और कांस्टेबल धर्मपाल (उत्तर-पूर्वी जिला) हैं।
परंपरा के अनुसार इस मौके पर पूर्व पुलिस आयुक्त एमबी कौशल, बीके गुप्ता, नीरज कुमार, पूर्व एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आरके शर्मा, पीएन अग्रवाल, सेवादास, मैक्सवेल परेरा, यूएनवी राव, सुरेश राय और दिल्ली के सभी वर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शहीद स्मारक स्थल पर रखी शहीद पुस्तिका पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीदों की याद में दो मिनट का मौन धारण किया। शहीद स्मारक स्थल पर पुलिस आयुक्त से लेकर एमटीएस स्टाफ तक सभी ने अपने साथियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। भारतीय पुलिस की एक छोटी टुकड़ी आज ही के दिन छप्पन वर्ष पूर्व वर्ष 1959 में लद्दाख क्षेत्र में मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात थी, वहीं एक पहाड़ी पर छिपे चीनी सैनिकों के भारी दस्ते ने उन पर अचानक हमला कर दिया। देश में शत्रुओं का सामना करते हुए भारतीय पुलिस दल के दस जवान उसमें वीरगति को प्राप्त हुए। तब से प्रत्येक वर्ष उन शहीदों को आज के दिन याद किया जाता है, इसके साथ ही देश की सेवा में प्राण न्यौछावर करने वाले हर पुलिसकर्मी को भी इस दिन श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने शहीद पुलिसकर्मियों के लिए दिल्ली पुलिस की वेबसाइट www.delhipolice.nic.in पर दिल्ली पुलिस शहीद स्मरणात्मक पृष्ठ का उद्घाटन भी किया। इस पृष्ठ पर एक ऐसी ई-बुक तैयार की गई है, जिसमें दिल्ली पुलिसकर्मियों का विवरण है, जिन्होंने अपने कर्तव्यपालन के दौरान हुई हिंसक मुठभेड़ में या अन्य किसी प्रकार के हमले में उच्चकोटि का पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं। वर्तमान में इस पृष्ठ में इक्कीस शहीद पुलिसकर्मियों की विस्तृत जानकारी के अलावा 118 शहीदों के नाम भी दर्ज किए गए हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस आयुक्त विमला मेहरा, दीपक मिश्रा, विशेष पुलिस आयुक्त ताज हसन, संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव और बड़ी संख्या में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।