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Sunday 25 October 2015 04:51:09 AM
मुंबई। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव के तौर पर करीब 42 वर्ष की उत्कृष्ट सेवा करने के बाद डॉ रतन कुमार सिन्हा 23 अक्टूबर को सेवानिवृत हो गए। इसी के साथ एक साधारण समारोह में बीएआरसी के निदेशक डॉ शेखर बासु ने मुंबई कार्यालय के मुख्यालय में उनसे यह पदभार भी संभाल लिया है। डॉ शेखर बासु को कार्यभार सौंपते हुए डॉ रतन कुमार सिन्हा ने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग एक विशेष कार्य क्षेत्र रखता है, जो राष्ट्र के विकास के विभिन्न आयामों सामान्य विज्ञान से अंतिम लक्ष्य तक गतिविधियों को अंजाम देता है।
डॉ रतन कुमार सिन्हा ने कहा कि 42 वर्ष से इस विभाग के एक अंग के तौर पर कार्य करने में उन्हें बेहद संतोष का अनुभव हुआ है और वे इस अवधि में दूरगामी प्रभावों के बहुत से ऐतिहासिक विकास के साक्षी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भले ही वे अपने कार्यालय से सेवानिवृत हो रहे हों पर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि परमाणु ऊर्जा विभाग देश की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को गतिशीलता के साथ पूरा करने की दिशा में अपने संकल्पों को पूर्ण करता रहेगा। उन्होंने डॉ शेखर बासु को एईसी का अध्यक्ष और डीएई के सचिव का सफलतापूर्वक कार्यभार संभालने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
डॉ शेखर बासु ने डॉ रतन कुमार सिन्हा को धन्यवाद देते हुए विश्वास दिलाया कि वह देश की सेवा के सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने और विज्ञान को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का पूर्ण प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु ऊर्जा के लाभ बहुआयामी हैं और ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, खाद्य और जल सुरक्षा के क्षेत्र में भी इसका योगदान अहम है। डॉ शेखर बासु ने कहा कि यूरेनियम के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ वर्तमान परियोजनाओं को पूरा करने को वह सबसे अधिक प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि हम सबके समंवित प्रयास देश को समग्र विकास और हर क्षेत्र में मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ाएंगे।