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Thursday 10 March 2016 02:23:41 AM
हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अर्द्धकुंभ मेले पर पंतद्वीप में तीन दिवसीय योग महाकुंभ का द्वीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ करते हुए कहा है कि भारतीय ज्ञान की पहुंच विदेशों तक पहुंचाने में योग एवं आध्यात्म की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने गंगा, योग एवं हिमालय को उत्तराखंड की पहचान बताया और कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की देश-विदेशों में पहचान के लिए ऋषिकेश एवं हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय योग महाकुंभ एक महत्वपूर्ण आयोजन है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न आध्यात्म और पर्यटन क्षेत्रों में लोग बार-बार आए, इसके लिए हरिद्वार प्रेरणा का श्रोत बन सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास जो अच्छा है, उसे दूसरो तक पहुंचाना हमारा दायित्व है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार की जनता को अधिक से अधिक संख्या में योग महोत्सव में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग में गंगा, योग और संस्कृति को जोड़ने के लिए संस्कृति केंद्र बनाया जाएगा, आगामी महाकुंभ के लिए गंगा घाटों का विस्तारण किया जाएगा। उन्होंने विदेशों से आए योगाचार्यों एवं योग प्रशिक्षकों का अगले वर्ष पुनः हरिद्वार आने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने योग महाकुंभ में बताया कि उत्तराखंड को आर्गेनिक खेती का राज्य बनाने के लिए स्थानीय उत्पादों के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि इतिहास कुछ मिनटों में बदला करता है, हरीश रावत का काम अब बोलने लगा है। जयराम आश्रम के प्रमुख स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने देवभूमि उत्तराखंड की महानता का केंद्र गंगा और योग बताया। योग कुंभ में हर की पैड़ी के समीप गंगातट पर विश्वविख्यात ड्रमवादक शिवमणि एवं रूना रिज़वी शिवमणि का संगीत और ड्रमवादन भी हुआ, जिससे वहां का वातावरण बेहद रूमानी हुआ।
शांतिकुंज प्रमुख एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या ने योग महाकुंभ में आए योग साधकों का हरिद्वार में स्वागत करते हुए बताया कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय से प्रतिवर्ष 350 योगाचार्यों को देश-दुनिया में योग विज्ञान के प्रसार व सेवा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। आर्गेनिक इंडिया के संस्थापक भारतमित्र ने एकता व शांति पर आधारित संगीत ‘ऊँ शलोम सलाम आमीन ऊँ’ प्रस्तुत किया। परमार्थ निकेतन के संचालक स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग भारत की धरती से निकला और दुनियाभर में फैल रहा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार बदलाव की पवित्र भूमि है। उन्होंने कुंभनगरी में योग महाकुंभ के आयोजन को राज्य सरकार का क्रांतिकारी विचार माना और मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हरिद्वार एवं ऋषिकेश की सभी संस्थाएं व विश्वविद्यालय, महाविद्यालय इस विचार को विश्वव्यापी स्वरूप प्रदान करने में कटिबद्ध हैं। विश्व महिला दिवस पर नवदान्या प्रमुख डॉ वंदना शिवा ने महिला सशक्तिकरण के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में परमार्थ निकेतन एवं गंगा रिसॉर्ट में दो हजार से अधिक व्यक्तियों ने पंजीयन कराकर योग सीखा। उन्होंने पर्यटन विभाग का वार्षिक योग कलेंडर बनाकर उत्तराखंड को योग का हब बनाने का राज्य सरकार का संकल्प व्यक्त किया। परमार्थ निकेतन के निदेशक राममहेश मिश्र ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2016 से लेकर योग महाकुंभ की यात्रा की जानकारी दी। परमार्थ निकेतन की वरिष्ठ प्रतिनिधि एवं अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती ने मंच का संचालन किया। योग महाकुंभ में पतंजलि विश्वविद्यालय, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, गुरुकुल महाविद्यालय, हिंदू हेरिटेज, पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, आध्यात्म चेतना संघ आदि के योग विद्यार्थियों ने भागीदारी की। विधायक प्रदीप बत्रा, स्वामी ललिता गिरी, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, मोहनदास, सतपाल ब्रह्मचारी, कमल गिरी, सपनाश्री, वंदना शिवा, एसए मुरूगेशन मेलाधिकारी, मेला आईजी जीएस मर्तोलिया, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ, एसएसपी सेंथिल अबुदेई, अमेरिका से आए वैज्ञानिक बू्रस लिप्टन, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री पुरूषोत्तम शर्मा और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।