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Tuesday 31 May 2016 07:29:00 AM
ऋषिकेश। परमार्थ आश्रम के गंगा तट पर दक्षिण भारत के सैकड़ों साधकों ने कई दिन तक भगवन्नाम संकीर्तन किया। कल्याण महोत्सव चेन्नई के तत्वावधान में तीर्थनगरी में आयोजित भगवन्नाम संकीर्तन समारोह में माँ भागीरथी के तट पर भक्ति की अभिनव गंगा बही। कुम्भ कोणम तमिलनाडु के संत सद्गुरु स्वामीगल की उपस्थिति में सम्पन्न भगवन्नाम संकीर्तन समारोह में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भागीदारी की। भजन गायकों ने दक्षिण में पर्यावरण संरक्षण के विषयों को अपने भजनों में शामिल करने का भी संकल्प लिया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भगवन्नाम संकीर्तन के साधकों को संबोधित करते हुए दक्षिण भारत की नदियों को सजल व निर्मल बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने नदियों में गंदे नालों को गिरने से रोकने हेतु स्थानीय सरकारों से दवाबपूर्वक आग्रह करने, नदियों में गंदगी नहीं डालने, नदी स्नान में साबुन का उपयोग न करने, खुले में शौच जाने की प्रथा को बंद करने हेतु हरसंभव प्रयास करने और शौचालय बनवाने का आग्रह किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने दक्षिण भारत के युवाओं को इस हेतु संकल्प दिलाया। देश पर सांस्कृतिक खतरों से आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि स्वच्छता क्रांति का यह कदम समय रहते नहीं उठाया गया तो भावी पीढ़ी अपने तीर्थों की परंपराओं से दूर हो जाएगी, जिसकी क्षतिपूर्ति करना बहुत कठिन काम होगा।
स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं कुम्भ कोणम के संत स्वामीगल के संकल्पों को युवाओं ने पूरा करने का आश्वासन दिया। स्वर्गाश्रम ऋषिकेश के गंगा तट पर दक्षिण भारत के युवक-युवतियों ने अपने प्रयासों से अपने प्रदेशों में एक-एक सार्वजनिक शौचालय बनवाने की घोषणा की। सद्गुरु स्वामीगल ने देवभूमि उत्तराखंड को और विशेष रूप से तीर्थनगरी ऋषिकेश के अनुभवों को बेहद दिव्य एवं अनुपम बताया। उन्होंने कहा कि हिमालय, माँ गंगा व गंगा आरती ने उनका मनमोह लिया है, अब वे हर वर्ष यहां दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं को लेकर आया करेंगे। कार्यक्रम से प्रभावित पोलियो फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ भारत भगत ने ऋषिकेश में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की घोषणा की।