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Monday 20 June 2016 02:40:16 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने योग पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2016-17 से 6 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पूर्णरूप से विकसित योग विभाग होंगे और आगामी 1 वर्ष में इसकी संख्या 20 की जाएगी। इन विश्वविद्यालयों में उत्तर भारत में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड, पूर्वी भारत में विश्व भारती पश्चिम बंगाल, पश्चिमी भारत में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण भारत में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, मध्य भारत में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक मध्यप्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं। संगोष्ठी में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के उपकुलपति और उच्चशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों ने भाग लिया।
स्मृति जुबिन ईरानी ने नई दिल्ली में योग पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्य प्रोफेसर एचआर नागेंद्र की अध्यक्षता में गठित कार्यदल की सिफारिशों के अनुरूप है। कार्यदल ने अपनी सिफारिश में योग विज्ञान के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम से लेकर बैचलर, मास्टर और पीएचडी सहित कई पाठ्यक्रमों का सुझाव दिया था। स्मृति ईरानी ने कहा कि शैक्षणिक समुदाय को आईआईटी खड़गपुर के अनुरूप ही योग विज्ञान की वैज्ञानिक महत्ता प्रयोग सिद्ध साक्ष्य से स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने एआईसीटीई की देश के विभिन्न शहरों में योग कार्यशाला आयोजित करने और अपने पचास क्षेत्रीय केंद्रों में इग्नू के योग कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी और एनआईटी भी योग को जीवनशैली के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों में आंतरिक शक्ति को विकसित करने में योग की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विद्यालय स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक योग को लोकप्रिय बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस उद्देश्य के लिए एनसीटीई से अध्यापकों के बीच क्षमता निर्माण हेतु कार्य करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि यूजीसी से योग विज्ञान में नैट प्रारंभ करने पर विचार करने को कहा गया है। संगोष्ठी को उच्चशिक्षा सचिव विनय शील ओबरॉय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के कुलपति प्रोफेसर नागेंद्र ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें योग को जीवन का अभिन्न अंग बताया गया, जो मनुष्यों में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक आंतरिक शक्ति का विकास करता है।