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Monday 5 September 2016 11:45:06 PM
कोलकाता। वॅाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट 'तिहायु' 30 अगस्त से भारतीय नौसेना की सेवा में आ गया है। जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) एके वर्मा ने जीआरएसई में एक समारोह में युद्धपोत को जहाज के कमांडिंग अधिकारी कमांडर अजय केशव के सुपुर्द किया। पूर्वी नौसेना कमान के चीफ स्टाफ अधिकारी (तकनीकी) रियर एडमिरल एसआर सरमा ने नौसेना में लिए जाने से पहले जहाज का अंतिम निरीक्षण किया। इससे पहले जीआरएसई ने 2009 से 2011 तक 10 डब्ल्यूजेएफएसी का निर्माण करके उन्हें भारतीय नौसेना के सुपुर्द किया था, जो अच्छी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
भारतीय नौसेना ने इसी तरह केचार और डब्ल्यूजेएफएसी के ‘फॉलो-ऑन’ युद्धपोत के रूप में आदेश दिए हैं। डब्ल्यूजेएफएसी श्रृंखला का ‘फॉलो-ऑन’ प्रथम पोत आईएनएस तारमुगली 23 मई 2016 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। दूसरा एफएसी तिहायुजीआरएसई ने सुपुर्द किया है।ये युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए जीआरएसई के बनाए फास्ट अटैक क्राफ्ट्स के उन्नत संस्करण हैं। इस युद्धपोत का हल स्वरूप बहुत ही कुशल है, जिसे जीआरएसई के इन-हाउस डिजाइन केंद्र में विकसित किया गया है। व्यापक मॉडल परीक्षण से साबित हुआ है कि यह 35 समुद्री मील की गति प्राप्त कर सकता है। युद्धपोत 48 मीटर लंबा और 7.5 मीटर चौड़ा है और इसमें करीब 315 टन के लगभग विस्थापन क्षमता है तथा यह 12-14 समुद्री मील की गति पर लगभग 2000 समुद्री मील तक बिना रुके चल सकता है।
युद्धपोत का ‘तिहायु’ नाम अंडमान के एक द्वीप के नाम पर रखा गया है। इसमें रहने की अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और इसमें 29 कर्मी रह सकते हैं। इसमें तीन वॉटर जेट प्रोपलशन सिस्टम लगे हैं, जो 2720 किलोवॉट क्षमता प्रदान करने वाले मेरीन डीजल इंजनों से पावर्ड हैं। इसमें सीआरएन-91 स्वदेशी 30 एमएम गन भी लगाई गई है, जो हमले के मिशन के दौरान आर्टिलरी फायर सपोर्ट देती है। इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने बनाया है।