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Wednesday 28 September 2016 04:53:39 AM
देहरादून। उत्तराखंड के चौबत्तिया में भारत-अमरीका सैन्य युद्ध अभ्यास 2016 पूरा हो गया है। यह अभ्यास दो सप्ताह तक चला, जिसमें भारतीय सेना की एक इंफेंट्री बटालियन और अमेरिकी सेना की 20वीं इंफेंट्री रेजीमेंट की 5वीं बटालियन ने हिस्सा लिया। यह सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ श्रृंखला का 12वां अभ्यास था, इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में अमेरिकी सेना प्रशांतिक सहभागिता कार्यक्रम के तहत की गई थी। अभ्यास के तहत भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच सहयोग को और ज्यादा मजबूती मिली है। उत्तराखंड के चौबत्तिया में यह तीसरा भारत-अमेरिकी सेना अभ्यास था। दोनों देशों ने यह फैसला किया था कि संयुक्त सैन्य अभ्यासों का दायरा बढ़ाया जाए, जिससे युद्ध अभ्यास 2016 के तहत कमांड पोस्ट एक्सरसाइज सहित इंफेंट्री सेना ने विभिन्न अभ्यास किए, जिसमें दोनों देशों के विशेषज्ञों ने पारस्परिक हितों से संबंधित विषयों पर चर्चाएं भी कीं।
भारतीय सेना के मेजर जनरल आरके रैना ने अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दोनों देशों के सैन्य दलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध निरंतर प्रगाढ़ हो रहे हैं, दोनों देशों के सैनिक दलों ने जिस लगन और भाईचारे के साथ सैन्य अभ्यास किया, उससे आगे की रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देश उग्रवाद और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद जैसी विघटनकारी शक्तियों से मुकाबला कर रहे हैं, अभ्यास के दौरान एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जो क्षमता नज़र आई है, वह आवश्यकता पड़ने पर वास्तविकता में बदली जा सकती है।
अमेरिकी सेना के मेजर जनरल थॉमस जेम्स ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य संबंध इतने प्रगाढ़ पहले कभी नहीं थे और इस अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विकास और स्थिरता के लिए भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संबंधों का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे को जानने और एक दूसरे पर भरोसा करना संयुक्त ऑपरेशन के लिए जरूरी होता है। संयुक्त अभ्यास ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है, इस अभ्यास से दोनों सेनाओं की आपसी समझ बढ़ी है, जिससे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।