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Saturday 8 October 2016 06:04:17 AM
हरिद्वार। शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्ताओं के परिजनों के दल ‘नवयुग दल’ का रजत जयंती समारोह आज शुरू हुआ। शांतिकुंज में पले-बढ़े ये बच्चे और नवयुवक कार्पोरेट जगत से लेकर देश-विदेश में कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में सेवारत हैं, जो इस समारोह में भागीदार हैं। समारोह का शुभारंभ गायत्री परिवार के प्रमुख और नवयुग दल के अभिभावक संरक्षक डॉ प्रणव पण्ड्या, वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेश्वर उपाध्याय, केसरी कपिल, कालीचरण शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि बच्चों को बाल्यावस्था में मिले अच्छे संस्कार ही उन्हें आगे बढ़ाते हैं, जिनसे उनमें सक्रियता बढ़ती है, जिससे उनकी प्रतिभा चमक जाती है, इसी की आज समाज को बेहद जरूरत है।
डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि बाल्यकाल में ही सेवा, सहयोग, सहकार एवं सहानुभूति के बीज बोने से वह आगे चलकर वटवृक्ष बनता है, जो सभी को छाया देने में समर्थ होता है। उन्होंने कहा कि ज्ञानार्जन के लिए नियमित रूप से कुछ समय जरूर निकालें। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य आदि महापुरुषों के बाल्यकाल के संस्मरण सुनाते हुए समझदारी, जिम्मेदारी और प्रमाणिकता को जीवन के अंग बनाने की बात कही। इस अवसर पर शिवप्रसाद मिश्र और वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों में सेवारत नवयुगदल के सदस्य उपस्थित थे।
डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि जो नौकरी पेशे या अपने कारोबार में हैं, वे मिलकर ऐसा फंड बनाएं, जिससे गरीब परिवार के विद्यार्थियों का सहयोग किया जा सके, ताकि अपने गरीब भाई-बहनों को पैसे की कमी के कारण बीच में अपनी पढ़ाई न छोड़नी पड़े। नवयुगदल के सदस्यों की ओर से डॉ प्रणव पण्ड्या ने चंद्रभूषण मिश्र, प्रताप शास्त्री, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित गेंदालाल चौरसिया, देसंविवि के कुलसचिव संदीप कुमार, सीताराम सिन्हा को चादर व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। समारोह के समन्वयक सुशील उपाध्याय और अजय सेन ने बताया कि इसमें नौ सत्र हैं, जिसमें व्यावहारिक व सैद्धांतिक विषयों पर विशेषज्ञ नवयुग दल को संबोधित कर रहे हैं, जबकि विदाई सत्र का शैल दीदी मार्गदर्शन करेंगी।