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Monday 12 December 2016 12:15:58 AM
लखनऊ। गीत एवं नाटक प्रभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ तथा भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत ‘हम किसी से कम नहीं’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में लिंग अनुपात में बेटियों की संख्या कम हो रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत करके लिंग अनुपात को पटरी पर लाने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि महिला-पुरूष अनुपात के लिए माता-पिता के साथ-साथ समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारत देश में महिलाओं की पूजा की परंपरा है, हम धन की देवी लक्ष्मी, पराक्रम की देवी दुर्गा और विद्या की देवी सरस्वती के रूप में इनको मानते हैं, भ्रूण हत्या, बाल विवाह और दहेज प्रथा पर भी रोक लगाना आवश्यक है, इन अपराधों के प्रति कड़ी कार्रवाई को व्यवहार में लाया जाए। उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है, इस पर पूरे सभ्य समाज को विचार करना होगा। राम नाईक ने कहा कि लिंगभेद को मिटाने की जरूरत है। भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि एक बेटी के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है, बेटा-बेटी को समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के रूप में उन्होंने देखा है कि दीक्षांत समारोह में साठ-पैंसठ प्रतिशत पदक बेटियों को मिल रहे हैं, बेटियां पढ़ाई को लेकर ज्यादा संजीदा हैं, बेटियां घर में भी काम करती हैं और पढ़ाई भी करती हैं, महिलाएं आज सेना, वायुसेना, अंतरिक्ष, मेट्रो रेल संचालन आदि में अपनी जगह बना रही हैं।
राम नाईक ने पुलिस वीक पर आयोजित परेड की बात करते हुए कहा कि यह महिलाओं की लिए उपलब्धि है कि परेड का नेतृत्व लखनऊ की महिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने किया। राज्यपाल ने कहा कि बेटियां दो घरों को जोड़ने का काम करती हैं, परिवार की गाड़ी महिला और पुरूष से चलती है, दोनों पहिये सही ढंग से चलते हैं तो सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया और उसमें जय विज्ञान जोड़कर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विज्ञान को नया आयाम दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि ठीक उसी प्रकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ बेटी बढ़ाओ का नारा जोड़कर बेटियों को प्रथम पंक्ति में लाया जा सकता है। चरैवेति! चरैवेति!! को सफलता का मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि बेटियां आगे बढे़ंगी तो देश आगे बढे़गा।
राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रियांशी श्रीवास्तव (संगीत), प्रतीक्षा श्रीवास्तव (संगीत), अमिताषा सिन्हा (खेल), अंशिका तिवारी (खेल), युगरत्ना (पर्यावरण), डॉ ममता गिरी प्रधान (चिकित्सा) तथा कुंवर (वाहन चालक) को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं से संबंधित नृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर बीबी खरबडे महानिदेशक राष्ट्रीय सांस्कृति संपदा संरक्षण अनुसंधानशाला, अरिमर्दन सिंह निदेशक पत्र सूचना ब्यूरो लखनऊ, डॉ संतोष आशीष प्रमुख गीत एवं नाटक प्रभाग और विशिष्टजन भी उपस्थित थे।