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Sunday 18 December 2016 01:41:12 AM
वाराणसी। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने वाराणसी में संस्कृति पर पुर्नगठित केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि युवा पीढ़ी के बीच भारत की महान संस्कृति को फैलाने में दिग्गज कलाकारों की भूमिका बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं और संस्कृति के मौलिक रूपों को संरक्षित रखा जाना चाहिए और उसे बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने सीएबीसी के सदस्यों से कला, संगीत, नृत्य एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित करने का आग्रह किया।
सलाहकार बोर्ड की बैठक में संस्कृति सचिव एके सिन्हा एवं बीएचयू के उप कुलपति जीसी त्रिपाठी, सुरेश तलवालकर, वासुदेव कामत, प्रोफेसर एसआर लीला, एसएल भाईरप्पा, प्रांजल सेकिया, डॉ वमन केंद्रेय, प्रोफेसर एम बालासुब्रमण्यम, प्रोफेसर रहमान अली, उमा शर्मा, पंडित छन्नूलाल मिश्रा और विख्यात गीतकार समीर अंजान शामिल थे। कुछ सदस्यों का विचार था कि 2018 में आयोजित होने वाला थियेटर ओलंपिक्स भारतीय थियेटर बिरादरी के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी किया जा सकता है। सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि संगीत के क्षेत्र में काम करने वाले सक्रिय समूहों की सहायता की जानी चाहिए तथा युवा पीढ़ियों के बीच संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। डॉ महेश शर्मा ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि देश की संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करने तथा उसे बढ़ावा देने के लिए संस्कृति मंत्रालय से सभी संभव सहायता प्रदान की जाएगी।