स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 11 January 2017 12:57:11 AM
लखनऊ। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रहे एवं इस समय राज्यसभा सांसद डॉ पीएल पुनिया को कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की पुरजोर मांग की गई है। यद्यपि यह मांग कांग्रेस या उसके फ्रंटल संगठनों की ओर से नहीं है, तथापि किसी न किसी रूप में कांग्रेस के प्रति लगाव रखने वाले सामाजिक संगठनों एवं नेताओं की है, जिन्होंने मिलकर एक प्रस्ताव पारित कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को प्रस्ताव सौंपा और कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उत्तर प्रदेश में पीएल पुनिया जैसे योग्य नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए, जो न केवल दलितों में बल्कि सर्वसमाज में सम्माननीय हैं।
दलित सहयोग परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास पासवान, युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार दहिया, संघर्ष समाज पार्टी के राष्ट्रीय सलाहकार तेजपाल जाटव, भारतीय दलित पिछड़ा एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी मनजीत सिंह दहिया, ब्राह्मण सभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, संघर्ष समाज पार्टी के नेता जयराम कश्यप आदि ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर से मुलाकात कर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रहे एवं राज्यसभा सांसद डॉ पीएल पुनिया को कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की पुरजोर मांग की है।
दलित सहयोग परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास पासवान ने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भेजने हेतु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को दिया गया है। राष्ट्रीय दलित नेता चौधरी मनजीत दहिया ने कहा कि सांसद पीएल पुनिया एक अनुभवी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं योग्य दलित राजनेता के रूप में विख्यात हैं, इसलिए कांग्रेस हाईकमॉन को चाहिए कि वह पीएल पुनिया को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दलित हितैषी होने का परिचय दे। दलित सहयोग परिवार के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार दहिया ने कहा कि पीएल पुनिया ने उत्तरप्रदेश शासन में विभिन्न पदों पर रहते हुए सदैव न केवल दलितों बल्कि गरीबों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों व अन्य वर्गों के उत्थान हेतु उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश कभी भुला नहीं सकता।
गौरतलब है कि यह बात अक्सर कई तरफ से आती रही है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने दलित वोट की वापसी के लिए पीएल पुनिया को प्रमुखता से आगे लाए और यही एक दलित नेता हैं, कांग्रेस जिनका महत्व बढ़ाकर बसपा अध्यक्ष मायावती के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकती है। कांग्रेस में जिस समय दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार घोषित किया गया था, उस समय भी कांग्रेस से ही कुछ आवाज़ें सुनी गई थीं कि जब कांग्रेस यूपी में सीएम का चेहरा पेश करना ही चाहती है तो वह एक तीर से कई निशाने करे, जिसमें पीएल पुनिया फिट बैठते हैं और वे ही मायावती का भी माकूल जवाब हैं, लेकिन कांग्रेस ने शीला दीक्षित को आगे कर विधानसभा चुनाव में अपनी चुनौती ही खत्म कर दी है। हर कोई मानता है कि शीला दीक्षित का राजनीतिक सिक्का चलन से बाहर हो चुका है और ब्राह्मण वोट उनके कहने में कतई नहीं हैं, उनसे कहीं ज्यादा क्षमतावान तो राज बब्बर ही माने जाते हैं।
उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को प्रस्ताव देने के अवसर पर अर्जुन चौधरी युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय आपकी अपनी पार्टी, दिनेश कुमार कश्यप, राज कुमार खनगवाल, कुमार ओमप्रकाश, संदीप, राजेश सिंह भारती, प्रदेश उपाध्यक्ष गरीब क्रांति पार्टी, जयराम कश्यप, सुशील कुमार व्यास जिलाध्यक्ष बदायूं, अवधेश यादव, शमशेर सिंह सेंगर, सियाराम पासवान, मोहम्मद हुसैन, सीएल वर्मा, तेजपाल जाटव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।