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Monday 16 January 2017 12:12:15 AM
पालघर/ मुंबई। श्रीमद्भागवत गीता के मर्मज्ञ स्वामी अड़गड़ानंद महाराज चुनार मिर्ज़ापुर से एक महीने के लिए मुंबई आए हैं, वे परमहंस आश्रम पालघर वेस्ट में रुके हुए हैं और मुंबई नगरी में हर जगह श्रीमद्भागवत गीता पर उनके प्रवचन कार्यक्रम हो रहे हैं। परमहंस आश्रम पालघर वेस्ट में 14 जनवरी को राजेश्वरानंद महाराज और उनके शिष्यों, भक्तों ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने प्रवचन में इलाहाबाद संगम, त्रिवेणी और प्रयागराज में मकरसंक्रांति के बारे में और अन्य विषयों पर प्रकाश डाला। महाराज देशभर में प्रवचन प्रवास पर रहा करते हैं और महाराष्ट्र में उनके भक्तों की भारी संख्या है। महाराज ने श्रीमद्भागवत गीता का कई भाषाओं में सरल अनुवाद किया है। उनके प्रवचन सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालू उमड़ आते हैं।
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने उल्लेख किया कि किस तरह पंचांग के दम पर ब्राह्मणों ने सभी राजाओं को अपने बस में करके रखा हुआ था, राजा भले ही राज करते थे, लेकिन वे लड़ाई, महल निर्माण, सज़ा इत्यादि सभी का निर्णय ब्राह्मणों से पूछे बिना नहीं करते थे और ब्राह्मण जब चाहे युद्ध करवा देते थे और चाहे जब समाप्त करवा देते थे। उन्होंने कहा कि राजाओं के यहां हमेशा से ब्राह्मणों का वर्चस्व रहा है। महाराज को राजस्थान से आए कुछ भक्तों ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसमें पकवान के साथ खिचड़ी भी बनवाई गई थी। स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का उनके शिष्यों और भक्तों ने आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में महाराज के शिष्य राजेश बाबा, निर्मल बाबा, गुलाब बाबा, पांडे बाबा, मुन्ना बाबा, गुरुचरणानंद बाबा, पप्पू बाबा, हुक्कड़ बाबा, शेखर बाबा, आशीष बाबा, बताशा गुरु और मकरंद इत्यादि भक्त शामिल हुए।