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Friday 10 February 2017 09:28:14 AM
कानपुर/ लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी एवं कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव ने भी चुनाव में अखिलेश यादव की तरह चुनावी मोर्चा सम्भाला हुआ है, उदाहरण के लिए कानपुर नगर में जनसभा की ये तस्वीर यह समझने के लिए पर्याप्त है। डिम्पल यादव की ऐसी ही कई चुनावी सभाएं हो चुकी हैं, जिनमें जनसामान्य की अपार भागीदारी देखने को मिल रही है। वे स्टार अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन के साथ राज्य में अनेक चुनावी सभाएं संबोधित कर चुकी हैं, जिनमें जन समुदाय की भागीदारी देखकर कहा जा सकता है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन उत्तर प्रदेश की जनता की पहली पसंद बन रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उनके शासनकाल के दौरान यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसमें वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ चुनाव मैदान में हैं और एक छोर पर वे हैं और दूसरे छोर पर उनकी सहधर्मिणी डिम्पल यादव हैं।
सैनिक परिवार की पृष्ठभूमि से राजनीतिक परिवेश में आना और घरेलू जिम्मेदारियों को निभाते हुए ऐसी राजनीतिक परीक्षा में उतरना, जहां विभिन्न जातियों और विचारधाराओं के बीच संतुलन स्थापित करके चलना हो तो वह एक महिला के लिए कितनी मुश्किल परीक्षा होगी? डिम्पल यादव को कभी यह एहसास नहीं रहा होगा कि एक दिन उन्हें अपने पितातुल्य ससुर और देश के प्रमुख राजनेता मुलायम सिंह यादव एवं परिवार के दूसरे वरिष्ठ सदस्यों की मौजूदगी और भारी जनसमूह के सामने उस लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक चलना होगा जो उनके परिवार की राजनीतिक सफलताओं और मान मर्यादा के मानदंड आगे बढ़ाता है। डिम्पल यादव से किया जाने वाला यह महत्वपूर्ण सवाल है कि उस रोज उन्हें कैसा लगा जब भारी जनसमूह नई राजनीतिक परिस्थितियों उनके बोलने की प्रतीक्षा कर रहा था। डिम्पल यादव भले ही आज एक असाधारण और खुले विचारों वाले राजनीतिक परिवार से हैं, मगर उन्हें बड़ों के सामने पारिवारिक अनुशासन, लोक लिहाज और जन आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर चलना, राजनीति के अटपटे और अंतहीन संघर्षों की चुनौती से भरा है। डिम्पल यादव इन सब में संतुलन स्थापित करके शालीनता से जनता से अपनी बात कहते हुए और सपा-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए प्रचंड बहुमत देने की प्रभावशाली अपील कर रही हैं।
डिम्पल यादव अपने तर्कों से जनता को पूरी तरह संतुष्ट करने की कोशिश कर रही हैं कि सपा-कांग्रेस गठबंधन को क्यों जिताया जाए। इस चुनावी घमासान में डिम्पल यादव को सुनने भारी भीड़ आ रही है। भारतीय महिला के पारंपरिक परिधान साड़ी में सबसे अलग दिख रही डिम्पल यादव से सबको यह प्रतीक्षा है कि देखें कि मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू की मेहनत क्या रंग लाती है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की युवा ब्रिगेड की लाल टोपी लगाए उनके पति और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपनी जनसभाओं में काफी आश्वस्त दिख रहे हैं। मुलायम सिंह यादव परिवार की दूसरी पीढ़ी की यह अग्निपरीक्षा है, जिसमें डिम्पल यादव ने अपनी राजनीतिक पात्रता सिद्ध की है। उनकी जनसभाओं से यह संदेश साफ-साफ जा रहा है कि डिम्पल यादव ने अपने राजनीतिक परिचय से मैदान मार लिया है। मुलायम सिंह यादव को भी यह देखकर भारी विश्वास जगा होगा कि उनके परिवार की कोई महिला सदस्य इतने बड़े जनसमूह के सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ सपा सरकार की फिर से दावेदारी प्रस्तुत कर रही है। किसी महिला के लिए इतने बड़े जनसमूह के बीच बिना संकोच और लय के साथ अपनी बात कहना इतना आसान नहीं होता है। डिम्पल यादव के स्तरीय और गरिमामय संबोधन से जनता काफी प्रभावित दिख रही है। उनका संबोधन उनके प्रतिद्वंद्वियों पर काफी भारी पड़ रहा है, इसकी दूसरे दलों में भी काफी चर्चा है। वे बगैर लाग-लपेट के अपनी बात कह रही हैं।
जनसमूह में उनका असर देखने को मिल रहा है। जनसभाओं में लोग बहुत धैर्य से डिम्पल यादव को सुन रहे हैं। एक युवा महिला और सुसंस्कृत राजनीतिज्ञ को अपने बीच में पाकर आमजन और महिलाओं में यह विश्वास स्थापित होना स्वाभाविक बात है कि जिनके हाथ में वह सत्ता सौपने जा रहे हैं, उनसे उनकी कोई दूरी नहीं है। डिम्पल यादव ने मीडिया से मुलाकात में भी अपने को काफी सहज बनाए रखा हुआ है। वे न मीडिया के सवालों से विचलित होती हैं और न ही आक्रामक। वे अपने विरोधियों पर भी मायावती जैसे प्रतिक्रियावादी भाषण नहीं कर रही हैं, जो आज और भी राजनीतिज्ञों की चुनाव लड़ने की शैली बने हुए हैं। लोगों का मत है कि लंबे समय बाद अखिलेश यादव के रूप में उत्तर प्रदेश को एक क्वालिटी लीडरशिप मिली है, जो यूपी में किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं है और डिम्पल यादव जब इस बात को रखती हैं तो उन्हें इस पर भारी समर्थन मिल रहा है।
डिम्पल यादव सपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहती हैं कि प्रदेश में फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सरकारी नौकरियों में महिलाओं की उम्र सीमा को समाप्त किया जाएगा। वे कह रही हैं कि पिछले पांच वर्ष में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की तरक्की और खुशहाली के लिए बहुत काम किये हैं, यूपी में एक बार फिर से अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बननी चाहिए। डिम्पल यादव की कल कानपुर नगर की रेसकोर्स मैदान की जनसभा देखने काबिल थी। इसमें डिम्पल यादव ने कहा कि यह विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की राजनैतिक दिशा भी तय करेगा। चुनावी सभा को राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए अखिलेश यादव को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाना जरूरी है।