स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 26 February 2017 11:35:08 PM
हरिद्वार। गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या एवं संस्थान की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने शांतिकुंज में उत्तराखंड के पहले प्राकृतिक जल शोधक संयंत्र का पूजन कर उसका शुभारंभ किया। जल शोधक संयंत्र की पानी स्वच्छ करने की क्षमता प्रति घंटे पचास हजार लीटर है। डॉ प्रणव पण्ड्या ने इस अवसर पर कहा कि हरिद्वार के पानी में आयरन व सिल्ट की मात्रा अधिक रहती है, जिससे कई तरह की बीमारियां होने का भय रहता है, प्राकृतिक जल शोधक संयंत्र पानी में घुले हुए आयरन, सिल्ट एवं पानी के रंग को साफ करता है, जिससे शुद्ध जल उपलब्ध होगा। गायत्री परिवार संस्थान की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि सभी को शुद्ध पानी मिले, यह गायत्री परिवार का प्रयास है, यह संयंत्र पूरी तरह प्राकृतिक है, जिसमें शुद्ध पानी के सभी तत्व मौजूद रहते हैं।
संयंत्र इंजीनियर जयसिंह यादव ने संयंत्र से शुद्ध जल की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि पानी के आयरन व सिल्ट का एरिएटर से हवा और धूप से ज्यादा से ज्यादा संपर्क कराकर उसके आयरन तत्व को कम किया जाता है, फिर फिटकरी और ब्लिचिंग को मिलाकर इसमें घुले हुए सिल्ट को फ्लोकुलेटर से फ्लोक्स बनाकर आगे क्लियरिफायर से शोधन किया जाता है, इसके पश्चात प्राकृतिक पद्धति से आयरन और सिल्ट को कम करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए फिल्टर से उसे छाना जाता है, जिसमें पानी को बालू, रेत, बजरी, ग्रेवल, पेवल, बोल्डर की कुल दस परतों के रेपिट ग्रेविटी फिल्टर के माध्यम से छानकर टंकी में एकत्र किया जाता है, जिसकी जनता के उपयोगार्थ सप्लाई की जाती है।