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Saturday 8 April 2017 01:47:49 AM
मुंबई। इसे हम मैलाडी कहें या एजूकेशनल सॉन्ग या फिर क्लब डांस। ये अपने आप में एक कन्फ्यूज़न सा है, लेकिन यही कन्फ्यूज़न सिंगर गैरी की फिज़िक की सफलता का आधार भी है, जो उन्होंने अपने इस पहले सिंगल म्यूज़िक एलबम एबीसीडी से हासिल की है। यह हाल ही में जारी हुआ है। संगीत के जानकार इस गीत को गैरी की गुगली बता रहे हैं, जो उन्होंने सधे हुए अंदाज़ में फेंकी है। इसमें रैप भी है और थोड़ा पॉप भी। अब इस गुगली से कितने श्रोता बोल्ड हों रहे हैं, ये अभी भविष्य बताएगा, लेकिन गैरी ने इस गीत के बहाने उन बच्चों का भविष्य तो बना दिया है, जिन्हें गैरी ने एबीसीडी गीत के जरिए पढ़ना सिखाया है। गीत के पीछे भी एक दिलचस्प घटना जुड़ी है, जिसे गैरी सुनाते हुए कहते हैं कि वो तो अपने भतीजे को गुनगुनाते हुए एबीसीडी सिखा रहे थे, तभी इस गुनगुनाहट ने हिट किया और एक मधुर गीत का रूप ले लिया, जिसमें बच्चे गाते-गाते एबीसीडी सीखने लगे।
एबीसीडी एलबम का मतलब यह नहीं है कि इस गीत के जरिए सिर्फ बच्चों को टारगेट पर लिया गया है। वस्तुतः यह एक डांस नंबर है, जो बच्चों के साथ-साथ यूथ के लिए भी थिरकने की सनसनी बन गया है। सिंगर गैरी ने कुछ बच्चों को एबीसीडी सिखाने का ही प्रयास किया था और उसकी गुनगुनाहट से एक गीत का रूप सामने आया, जिसमें मस्ती और धमाल ने कमाल कर दिया। इसमें रैप भी है और थोड़ा पॉप भी। इसे एजूकेशनल सॉन्ग कहना गलत होगा, क्योंकि गैरी की नज़र में यह गीत फुल मस्ती भरा है, जिसे आप क्लब डांस कह सकते हैं। यह गीत हर ज़ोनर या कहें कि हर मूड की फीलिंग दे रहा है और यह बच्चों को ही नहीं, युवाओं को भी थिरकने पर मजबूर कर रहा है।