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Monday 17 April 2017 06:58:03 AM
देहरादून (ऑकलैंड)। उत्तराखंड की जड़ें सात समंदर पार भी प्रकृति की तरह फल-फूल रही हैं। अपनी विविध कलाओं, लोक संस्कृति और जीवनशैली की अनुकरणीय विशेषताओं से आच्छादित उत्तराखंड की पहचान बिल्कुल अलग है, इसमें प्रकृति से लेकर देवत्व और आध्यात्म तक का परिदृश्य हर किसी को आकर्षित करता है। कहने का आशय है कि उत्तराखंडवासी विश्वभर में मौजूद हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपना और उत्तराखंड का नाम रौशन कर रहे हैं। न्यूज़ीलैंड में वहां रहने वाले उत्तराखंडवासियों ने अपनी जड़ों से जुड़े रहने के उद्देश्य से उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड नाम से एक संस्था बनाई है, जो न्यूज़ीलैंड में एक चेरिटेबल संस्था के रूप में पंजीकृत है। एसोसिएशन के विविध सामाजिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों ने उत्तराखंडवासियों को आपस में जोड़ने का उल्लेखनीय कार्य किया है।
न्यूज़ीलैंड में रहने वाले उत्तराखंडवासियों के लिए उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड का आज बहुत महत्व है। एक साथ एकत्र होकर अपने सदस्यों और बच्चों के बीच उत्तराखंड की समृद्ध विरासत, गीत-संगीत और तीज-त्यौहारों को जीवंत रखना इसका मुख्य उद्देश्य है। समय-समय पर सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से ये अप्रवासी विश्व के अलग-अलग देशों में एकजुट होते हैं और अपनी ऐतिहासिक विरासत के विभिन्न आयामों का प्रदर्शन करते हैं। उत्तराखंड के लोगों का आपस में मिलना-जुलना न केवल इनकी एकजुटता को प्रोत्साहित करता है, अपितु उन देशों को भी लगता है कि भारतवर्ष में अनूठी और ऐतिहासिक संस्कृतियां हैं और उनको भी इससे जुड़ने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड तीन साल से न्यूज़ीलैंड में उत्तराखंड की संस्कृति को समर्पित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस साल भी 16 अप्रैल यानी रविवार को ऑकलैंड शहर के एवोंडेल कॉलेज में पूरे न्यूज़ीलैंड से उत्तराखंडवासियों ने 'बाडुली 2017' कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ़ न्यूज़ीलैंड के आमंत्रण पर भारत से उत्तराखंड के प्रसिद्ध कलाकारों की टीम इस कार्यक्रम में पहुंची और लोगों को अपने गीतों और कार्यक्रमों से मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तराखंड से इस कार्यक्रम के लिए न्यूज़ीलैंड आई प्रसिद्ध गायकों और संगीतकारों की टीम में माया उपाध्याय, वीरेंद्र नेगी, मंगलेश डबराल, राकेश भारद्वाज और हास्य कलाकार कृष्णा बगौट आदि शामिल थे। 'बाडुली 2017' कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वेलिंगटन, ड्यूनेडीन, हैमिलटन शहरों के साथ-साथ न्यूज़ीलैंड के सभी हिस्सों से उत्तराखंड मूल के लगभग 400 लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे। ऑकलैंड के स्थानीय लोगों ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर भारत और खासकर उत्तराखंड की संस्कृति को नजदीक से देखा, जाना और सराहा।