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Sunday 30 April 2017 12:45:37 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ताज होटल में फिक्की लेडीज़ आर्गनाईजेशन के लखनऊ-कानपुर चैप्टर के ‘एफएलओ उत्तर प्रदेश महिला पुरस्कार’ वितरण समारोह में उद्योग-व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर संस्कृत का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि प्राचीनकाल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान होता रहा है, हमारे देश में महिला राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी हुई हैं, आज भी महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में और ज्यादा उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इंद्रा नुई, चंदा कोचर, नीलम धवन, स्वाती पिरामल और ज्योति नायक ने आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में जिस प्रकार कार्य किया है, वह भारतीय समाज एवं महिलाओं के लिए आदर्श है।
राज्यपाल राम नाईक ने महिलाओं को अक्षय तृतीया की बधाई दी और कहा कि फिक्की लेडीज़ आर्गनाईजेशन ने महिलाओं का सम्मान किया है, जोकि एक तरह से सुंदर संगम है, जिसमें दूध में शक्कर और केसर मिलने जैसा संयोग है। राम नाईक ने कहा कि महिलाओं में कार्य करने एवं परिवार में संतुलन स्थापित करने की अद्भुत क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं गृहणी होने के साथ शिक्षा एवं नर्सिंग के क्षेत्र में कार्य करती थीं, परंतु समाज में आए बदलाव एवं महिलाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज वे आर्थिक-व्यापारिक क्षेत्र के साथ तकनीकी एवं प्रशासनिक क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं के कार्य का आंकलन किया जाए तो जीडीपी में उनका योगदान प्रतिशत बहुत अधिक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छे काम की सराहना करने से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
राज्यपाल राम नाईक ने महिला सशक्तिकरण पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल के साथ उत्तर प्रदेश के 29 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, जिससे उन्हें मालूम है कि विश्वविद्यालयों में छात्राओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में उन्होंने पाया है कि छात्राएं उत्कृष्ट प्रदर्शनकर छात्रों की तुलना में अधिक पदक प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि छात्राओं का 65-75 प्रतिशत पदक प्राप्त करना, देश के लिए महिला सशक्तीकरण का शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिले तो बेटियाँ अच्छा प्रदर्शन कर अपने माता-पिता, गुरूजनों एवं देश और प्रदेश का नाम रोशन करती हैं। राम नाईक ने अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का यहां भी उल्लेख किया और कहा कि सोने वाले का भाग्य भी सो जाता है और जो रूक जाता है उसका भाग्य भी रूक जाता है, जो गतिमान रहता है, उसका भाग्य भी आगे बढ़ता है, निरंतर बढ़ने में ही सफलता का मर्म निहित है।
महिला कल्याण मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि 21वीं सदी युवाओं और महिलाओं की सदी है। उन्होंने कहा कि यद्यपि उत्तर प्रदेश अनेक कारणों से पिछड़ा हुआ है, परंतु प्रदेश ने देश को कई सशक्त महिलाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उचित स्थान एवं सम्मान मिलना चाहिए। डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लिंग भेद समाज के लिए खतरनाक है, इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए सभी को कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईयों से लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की शिक्षा एवं सुरक्षा के लिये कटिबद्ध है, सरकार के साथ-साथ समाज का भी दायित्व है कि बेटियों को शिक्षित कर लिंग भेद का अंतर समाप्त करें। फिक्की लेडीज़ आर्गनाईजेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष वासवी भरतराम ने संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सम्मान समारोह में प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षामंत्री आशुतोष टंडन, फिक्की लेडीज़ आर्गनाईजेशन की उत्तर प्रदेश चैप्टर की अध्यक्ष अंजू नारायण, बेगम हामिदा हबीबुल्ला संस्था के पदाधिकारी एवं विशिष्टजन भी उपस्थित थे।