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Monday 1 May 2017 12:51:35 AM
मुंबई। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुंबई में सीबीडी फाउंडेशन के स्वातंत्रय वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में दिव्यांगजनों के सहायतार्थ आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। राज्यपाल राम नाईक ने दिव्यांगजनों से परिचय प्राप्त किया, जिनमें मूक बधिर, दृष्टिबाधित तथा शारिरिक रूपसे अशक्त लोग थे। कार्यक्रम में राज्यपाल का तुलसी का पौधा देकर स्वागत किया गया और राज्यपाल ने भी कार्यक्रम में प्रस्तुतियां देने वाले दिव्यांगजनों को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया। महाराष्ट्र के सांसद किरीट सोमैय्या एवं गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।
दिव्यांगजनों ने मोटर साईकिल चालन, पेंटिंग, गायन, नृत्य के साथ अनेक मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। दोनों हाथ से दिव्यांग नदीम शेख ने पैर से राज्यपाल राम नाईक का चित्र बनाकर तथा बिना किसी के सहयोग के जूते-मोजे पहनकर दिखाए। शारीरिक रूपसे अक्षम छोटू कुमार ने नृत्य प्रस्तुत किया। उसने श्यामक डॉबर से नृत्य का प्रशिक्षण लिया है। दुर्घटना में एक पैर खोने वाले विनोद रावत पर्वतारोही हैं तथा हिमालय पर्वत की 20,000 फिट ऊंची चोटियों तक पर्वतारोहण कर चुके हैं और बाईकिंग करते हैं। दृष्टिबाधित तरूण ने मालखम्ब की प्रस्तुति दी। जन्मजात विकलांग सुपर्णा जोशी को तैराकी में पदक प्राप्त हुआ है, वह एचडीएफसी लाईफ में कार्यरत हैं।
राज्यपाल ने दिव्यांगों के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि हिम्मत बढ़ाने से ऐसे लोग आत्मविश्वास से असंभव को संभव बना सकते हैं, इनमें जीवन के प्रति विश्वास भरने की आवश्यकता है। दिव्यांग समाज के अभिन्न अंग हैं और समाज को इनकी जरूरत है। राज्यपाल ने मराठी भाषा के विख्यात कवि बाबा बालेकर की कविता की कुछ पंक्ति उद्धृत करके दिव्यांगजनों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की प्रस्तुति से प्रमाणित होता है कि दिव्यांग किसी से कम नहीं हैं तथा इनकी प्रस्तुति देखकर प्रशंसा के लिये शब्द कम पड़ रहे हैं। राम नाईक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया कि उन्होंने विकलांग को दिव्यांग शब्द देकर उनके मन में दिव्य भाव जगा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिव्यांगों के लिए अनेक सुविधाएं बढ़ाई हैं, दिव्यांगों के लिए अलग विश्वविद्यालय है, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी दिव्यांगजनों के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की है।
राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रयास रहा है कि कुष्ठ पीड़ितों को भी विकलांगता की श्रेणी में शामिल किया जाए, क्योंकि कुष्ठ रोग के कारण शरीर क्षतिग्रस्त होता है। कार्यक्रम में किरीट सोमैय्या और दूसरे लोगों ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का आयोजन सारस्वत कोआपरेटिव बैंक, कॉसमॉस बैंक और लैंड टी फाईनेंसियल सर्विसेज के सहयोग से सीबीडी फाउंडेशन ने किया था। सीबीडी फाउंडेशन इससे पहले भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं, पुलिसजनों, अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इस बार फाउंडेशन का यह आयोजन दिव्यांगों को ही समर्पित था।