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Monday 21 August 2017 10:45:55 PM
देहरादून। उत्तराखंड की पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार उत्तराखंड की आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों को तीन साल से उनकी प्रोत्साहन राशि तक नहीं दे पाई, जिससे आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों को धरना प्रदर्शन पर उतरना पड़ा है। उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने दून महिला चिकित्सालय में प्रदर्शन कर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मीनाक्षी जोशी और चिकित्सालय में आए मुख्यमंत्री के सलाहकार को अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन दिया, जिसमें उनकी उत्तराखंड सरकार से मुख्य शिकायत यह है कि उनकी वार्षिक प्रोत्साहन राशि तीन वर्ष से नहीं मिली है और अधिकारी उनकी समस्याओं एवं मांगों को सुनने को तैयार नहीं हैं।
आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने आरोप लगाया है कि सरकार आशाओं का उन्हें बिना मानदेय दिए उनका शोषण करती आ रही है, जिसे अब कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दून महिला चिकित्सालय में प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मीडिया से कहा कि पिछली सरकार ने आशाओं को प्रति माह 2000 रुपए मानदेय देने का जीओ किया था किंतु उसे उत्तराखंड की नई सरकार ने भी अभी तक लागू नहीं किया है। उन्होंने मांग की कि आशाओं के बकाया सभी भुगतान शीघ्र किए जाएं, 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशें तुरंत लागू की जाएं और आशाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
आशा शिवा दुबे ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे राज्यभर में व्यापक आंदोलन करेंगी, जिसके तहत एमआर टीकाकरण का बहिष्कार किया जाएगा और 25 अगस्त से देहरादून में परेड ग्राउंड धरनास्थल पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने भी विचार व्यक्त करते हुए उत्तराखंड सरकार को आड़े हाथों किया। प्रदर्शन में आशा कलावती, लोकेश, अनीता अग्रवाल, सुनीता तिवारी, मंजू ठाकुर, हेमलता, अनीता भट्ट, सरिता नेगी, लक्ष्मी रावत, उर्मिला राणा, जमुना जोशी, रोशनी और आशा रीता देवी आदि की सक्रियता उल्लेखनीय रही। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आशा वर्कर उपस्थित थीं।