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Wednesday 27 September 2017 12:06:50 AM
लखनऊ। राष्ट्रीयसेवा योजना के स्थापना दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें गांधी पीस फाउंडेशन के संस्थापक एसएन सुब्बाराव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयसेवा योजना के स्वयंसेवकों को स्वच्छता के विषय पर मलिन बस्तियों, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जागरूक करने में अपनी अहम भूमिका निभानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रति 1000 में से 50 बच्चे असमय मृत्यु के शिकार हो रहे हैं, यहां अभी भी 8 में से 1 व्यक्ति खुले में शौच को जाता है, जिस कारण बीमारियों के शिकंजे में प्रदेश जकड़ा हुआ है और स्वच्छता की दृष्टि में विशेष सुधार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयसेवा योजना के स्वयंसेवक स्वच्छ भारत के निर्माण में और ज्यादा सहयोग दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनियां में जैसा बदलाव देखना चाहते हैं, वैसा परिवर्तन स्वयं में भी करना होगा।
एसएन सुब्बाराव ने युवाओं का आह्वान किया कि वे भारत को भूख मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त, नशा मुक्त और बेरोज़गारी मुक्त बनाने में सहयोगात्मक और सकारात्मक प्रयास करें। कार्यक्रम में देश की 18 भाषाओं में भारत की संतान नाम से युवागीत का मंचन किया गया, जिसमें उन्होंने भारत की विविधताओं में एकता दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयसेवा योजना स्वयं से पहले दूसरों की सेवा करता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति का विकास होता है और उसमें सेवाभावना जागृत होती है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि देश में 18 भाषाएं भारत को बलवान बनाती हैं, इन भाषाओं का विस्तार युवाओं के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयसेवा योजना के माध्यम से युवाओं में अनुशासन की भावना आती है। उन्होंने अपने उद्बोधन में एसएन सुब्बाराव का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें उनके कार्यों से सीख लेनी चाहिए और अपने अंदर नई ऊर्जा का संचालन करना चाहिए।
विशेष कार्याधिकारी और उत्तर प्रदेश शासन के राज्य अधिकारी अंशुमाली शर्मा ने कहा कि यदि राष्ट्रीयसेवा योजना से युवाओं में सकारात्मक सोच को बढ़ावा दिया जाए तो एक नई ऊर्जा से समाज का पुर्नरुत्थान किया जा सकता है। सांस्कृतिकी निदेशक डॉ एनके पांडेय ने कहा कि युवाओं को साथ लेकर हम देश को एक नई दिशा दे सकते हैं, राष्ट्रीयसेवा योजना के माध्यम से प्रत्येक स्कूल कालेजों के युवाओं को समाजसेवा से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिकी एवं राष्ट्रीयसेवा योजना मिलकर देश को एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे। राष्ट्रीयसेवा योजना लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ राकेश द्विवेदी ने कहा कि भारत की तुलना विश्व के किसी भी अन्य देश से नहीं की जा सकती है, क्योंकि भारत विविधता वाला देश होते हुए भी एकता को अपनाए हुए है। कार्यक्रम में 35 महाविद्यालयों के राष्ट्रीयसेवा योजना के 1000 स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाओं, लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।