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Sunday 10 December 2017 05:06:29 AM
शिर्डी। श्री साईबाबा संस्थान विश्वस्तव्यवस्था शिर्डी की ओरसे आयोजित भारत तथा दुनिया के अन्य देशों में स्थित साई मंदिरों के विश्वस्त/ प्रतिनिधियों की जागतिक साईमंदिर विश्वस्त परिषद यानी ग्लोबल साई टेम्पल ट्रस्ट समिट का उपराष्ट्रपति एम वेंकैय्या नायडू शनिवार 23 दिसंबर 2017 को प्रातः 11 बजे उद्घाटन करेंगे। श्रीसाई संस्थान के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने मीडिया को यह जानकारी दी। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर कदम तथा विश्वस्त श्रीप्रताप भोसले उपस्थित थे। डॉ हावरे ने बताया कि श्री साईबाबा समाधि शताब्दी समारोह एक अक्टूबर 2018 की अविधि में संपन्न होगा, इस अवधि में विविध धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तथा प्रबोधनात्मक आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी इस विशेष समारोह में सभी साई मंदिरों के सहभाग हेतु जागतिक साईमंदिर विश्वस्त परिषद हो रही है, जिसका शिर्डी के साईनगर मैदान में उपराष्ट्रपति एम वेंकैय्या नायडू उद्घाटन करने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक रूपकुमार तथा सोनाली राठौड़ का साईभजन संध्या कार्यक्रम भी है। उन्होंने कहा है कि परिषद में सहभाग हेतु जिन साई मंदिरों ने अभी तक अपना नाम दर्ज नहीं कराया है, वे अपने साई मंदिर का पता एवं मोबाइल नंबर तथा ई-मेल आदि की जानकारी संस्थान की अधिकृत वेबसाइट sai.org.in पर विवरण पत्र में जल्द से जल्द भर दें।
साई संस्थान के अध्यक्ष डॉ सुरेश हावरे ने बताया कि श्री साईबाबा समाधि शताब्दी के अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में श्री साईबाबा अध्यासन शुरू किए जाने का निर्णय भी लिया गया है, इसे विश्वविद्यालय की मान्यता मिल चुकी है | इसी शैक्षणिक वर्ष से यह अध्यासन कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अधीन प्लंबर कौशल में रोज़गार के लिए दो महीने की कालावधि का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र पुणे में ज्ञानदा इंस्टीट्यूट ऑफ फ्लो पाईपिंग टेक्नॉलॉजी के मार्गदर्शन में शुरू किया जा रहा है, जिससे जिले के बेरोज़गारों को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी। पादुका दर्शन समारोह के विषय में संस्थान के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर कदम, विश्वस्त बिपिनदादा कोल्हे तथा मोहन जयकर की त्रिसदस्यीय समिति गठित की गई। अनेक सज्जनों से चर्चा के पश्चात समिति ने अपना अहवाल पेश किया। इसके अनुसार शताब्दी कालावधि में शिर्डी में पधारनेवालों के लिए मंदिर परिसर के दर्शनी भाग में मूल पादुका दर्शन के लिए रखी जाएगी। पादुका दर्शन का कार्यक्रम यथावत होगा तथा इसमें ग्रामवासियों का सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
डॉ सुरेश हावरे ने बताया कि संस्थान ने साईभक्तों की मांग के अनुसार देशभर में नकली पादुका तथा नकली कॉईन लेकर जाने की घटनाओं को तथा संस्थान की अधिकृत वेबसाइट से मिलता-जुलता नाम रखने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय भी लिया है। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिन से श्री साईबाबा के नामसे डाक टिकट जारी कराने के प्रयास शुरू हुए थे, उनके अनुसार अब डाक टिकट दो भागों में होगा, जिसमें एक श्री साईबाबा समाधि शताब्दी डाक टिकट के रुप में होगा तथा दूसरे भाग में केंद्र सरकार के कार्यक्रम माय स्टैम्प के अधीन श्री साई मंदिर की प्रतिमा के साथ होगा। इसमें जिन श्रीसाई भक्तों को अपनी प्रतिमा के साथ डाक टिकट चाहिए, उनके लिए अधिकृत डाक टिकट नाममात्र शुल्क में उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ हावरे ने बताया कि इस डाक टिकट का शुभारंभ भी 23 दिसंबर 2017 को किया जाएगा।