इटावा में जिलाधिकारी कार्यालय की प्राचीर पर चिथड़ों में लटका राष्ट्रीय ध्वज आप भी देखिए। यह जिलाधिकारी के अपनी कलक्ट्रेट के घटिया प्रबंधन का एक प्रमाण है। जिलाधिकारी से पूछिए कि उनके भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन का क्या औचित्य है? क्योंकि वे भारतीय संविधान की दृष्टि में एक श्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं...
खुले आसमान में हर साल लाखों टन अनाज सड़ता और नालियों में बहता रहता है, हर साल करोड़ों लोग दो वक्त की रोटी की जद्दोजहद में घुटते-मरते रहते हैं। ये दो तस्वीरें हैं भारत में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की। भारत का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि स्थितियां सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ ही रही हैं। सरकार की छत्रछाया में अन्न की बरबादी...
संजीव मेहता आज भारत को 63वें स्वतंत्रता दिवस पर तोहफ़े के रूप में भारत की जनता को ईस्ट इंडिया कंपनी पेश करते हैं। ईस्ट इंडिया के क़रीब तीस से चालीस मालिक थे। संजीव मेहता ने एक-एक को ढूंढ कर कंपनी के मालिक़ाना हक़ अपने नाम करवाए। अगले साल संजीव ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत लाने की योजना बना रहे हैं। यानि कि चक्र पूरा होगा और...
भारत में जनता अधनंगी, भूखी, प्यासी तरसे और खेलों के नाम पर कांग्रेस से नेताओं और उनसे जुड़े कारिंदे करोड़ों कमाकर मौज उड़ाएं? भारत का कानून इन कालनेमियों को अपनी जद में लेने में असहाय महसूस करे? देश की पुलिस इनमें से कई भ्रष्टाचारियों और दुराचारियों को सलाम ठोके और गरीब गुरबों को थाने की हवालात और जेल की हवा खिलाए? देश में...
क्रांति की शक्ति सिर्फ पुरुषों को ही आकृष्ट नहीं करती है, बल्कि महिलाओं को भी वैसे ही आकृष्ट करती आ रही है, इसीलिए हर युग के इतिहास में महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने चंडी का भी रूप धरा और अपनी अदम्य शक्ति का लोहा मनवाया।...
चंदौली में स्वतंत्रता संग्राम के आखिरी दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्नान पर 16 अगस्त 1942 को महाईच परगना के आन्दोलनकारियों ने जो कुछ किया वह कामयाबी और बलिदान के नजरिये से संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) और भारत के ऐसे कई बड़े मामलों में से एक था, लेकिन इस कांड की उतनी चर्चा नहीं हो पाई जितनी होनी चाहिए...
टाटा उद्योग समूह के अध्यक्ष रतन टाटा के छठवें उत्तराधिकारी की खोज अभी से आरंभ हो गई है। रतन टाटा ने 1991 में इसके अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। अगले 29 माह में वे यह पद छोड देंगे। लगभग बीस साल के कारोबार में रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह के राजस्व में पच्चीस फीसदी बढोत्तरी दर्ज की गई है। टाटा समूह की नींव जमशेदजी नौशेरवांजी...
यदि फेसबुक पर युवाओं में राजनीति को लेकर घोर निराशावादी धारणाएं घर कर रही हैं तो इसके गंभीर कारण हैं जोकि भारतीय राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। इस गहरी निराशा को उखाड़ फेंकने के लिए राजनीतिक दलों को कुछ तो उपाय करने ही होंगे ताकि धरती पर मनुष्य के लिए अनंतकाल से सर्वश्रेष्ठ उत्तरदान मानी जाने वाली 'राजनीति'...
गुजरात की मानव बम इशरत जहां, भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार विधान सभा चुनाव में सशक्त चुनावी मुद्दा बन गई है। हेडली का रहस्योद्घाटन भाजपा के सुपर स्टार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक 'कलंक' से मुक्ति और एक वरदान बन गया है। इंटरनेट पर धूम मचा रहे नरेंद्र मोदी के सामने ऐसे समय पर इशरत जहां के पैरोकार राजनीतिक...
भारत के जनसेवक अपनी जवाबदारी भूल चुके हैं, यह बात पूरी तरह स्थापित हो चुकी है। क्या न्यायालय स्वयं ही इस मामले में संज्ञान लेकर इन सभी से यह पूछ सकता है कि छब्बीस साल तक सभी गोपनीय राजों को अपने सीने में दफन करने वालों की नींद अब क्यों टूटी है और उन्होंने किसके दबाव में अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ा था? सोनिया गांधी को भी...
वाद्ययंत्र से जुड़ा एक प्रशिक्षु कलाकार जब सारंगी के बारे में नही जानता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सारंगी सुनने वाले कितने बचे होंगे? छानबीन से पता चलता है कि सारंगी के उस्ताद भी बस गिने चुने हैं और सीखने वाले तो नदारद हैं। इसलिए इस वाद्य यंत्र की मधुर और कर्णप्रिय लय अब बहुत कम ही सुनने को मिलती है। यदि सारंगी को संगीत...
मेघों की गर्जना से आत्मविभोर होकर कर्णप्रिय आवाज़ के साथ नृत्य करने वाले मोर प्यास के मारे दम तोड़ रहे हैं। विकास के नाम पर उनके परंपरागत परिवास उजाड़कर प्रशासन ने उनका प्राकृतिक वातावरण नष्ट कर दिया है। कल तक वे जिसे अपना घर-आंगन समझते थे वह उन्हें पराया लग रहा है। उन्हें न पानी नसीब है और न घर। मोर पर भी इटावा में मौत...
अरूधंती ने अपने कहे की नई व्याख्या की है और ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया। मीडिया के इस काम को उन्होंने मीडिया का ग्रीनहंट नाम दिया है। अरूंधती को जो करना था वे कर चुकी हैं। वे एक हिंसक अभियान से जुड़े लोगों को संदेश दे चुकी हैं। अपने दो जून के वक्तव्य की 12 जून को सफाई देकर वे अपना लक्ष्य पा चुकी हैं। उनका पहला लक्ष्य था वह प्रचार...
राजनेताओं, उद्योगपतियों धर्माचार्यों और फिल्मी दुनिया की हस्तियों को अपनी मायावी साधना के चुंबकीय चमत्कारों से चकरघिन्नी बना देने वाले नेमीचंद जैन यानी तांत्रिक गुरू चंद्रास्वामी को अगर किसी ने भाव नहीं दिए थे तो वे राजीव गांधी थे। एक समय, देश-दुनिया के बड़े-बड़े 'राजयोगियों' पर चंद्रास्वामी ने इतना प्रभावशाली सम्मोहन...
भारत में पूज्य माने जाने वाले 'गजराज' को अपने अस्तित्व के लिए आजकल एक नई लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उनके शिकार, घटते जंगल और आहार में कमी और उससे भी ज्यादा इनकी आए दिन मनुष्य के साथ मुठभेड़ या गुस्से में इनका उपद्रव इनके लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। कहीं इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है तो कहीं बढ़ रही है। वन्य पशुओं के...