
कुम्हारी कला से जुड़े लोगों का जीवन झोपड़ियों और भट्टी के पास ही गुजरता है। कई-कई दिन मिट्टी में काम करते हुए बीत जाते हैं। दूर से मिट्टी खोदकर लाना और उपयुक्त मिट्टी तलाश करना बेहद कठिन काम है। सरकार ने इस कला में लगे लोगों के पुनर्वास और उनकी मेहनत के वाजिब हक पर भी कभी ध्यान नहीं दिया है, यही कारण है कि मिट्टी के बर्तनों...

देश की जनता को अपनी नाकामियों से भारी अवसाद और संकट में डालने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मुंबई में भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आंतरिक कलह और भयानक गुटबाजी से तिल-तिल भाजपा को दिलासा से भरे उपदेश दिए। कार्यकारिणी की बैठक में अनेक अवसरों पर भाजपा के कड़वे सच से दूर भागने की...

क्रिकेट का विश्वविजेता बनने के लिए अट्ठाईस साल प्रतीक्षा करनी पड़ी। इस प्रतीक्षा में विश्वविख्यात बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को कई बार निराश होना पड़ा। आखिर महेंद्र सिंह धोनी का उदय हुआ और भारत ने लगातार तीन बार के विश्वविजेता आस्ट्रेलिया को इस विश्वकप से बाहर करने के बाद पहले अपने सनसनीख़ेज़ प्रतिद्वंदी पाकिस्तान पर...

अरूधंती ने अपने कहे की नई व्याख्या की है और ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया। मीडिया के इस काम को उन्होंने मीडिया का ग्रीनहंट नाम दिया है। अरूंधती को जो करना था वे कर चुकी हैं। वे एक हिंसक अभियान से जुड़े लोगों को संदेश दे चुकी हैं। अपने दो जून के वक्तव्य की 12 जून को सफाई देकर वे अपना लक्ष्य पा चुकी हैं। उनका पहला लक्ष्य था वह प्रचार...

मुंबई फिल्मों में अक्सर एक छोटा सा बच्चा फुटपाथ पर बूट-पॉलिश करता है और उसके सामने पॉलिश का पैसा फेंक देने पर वह स्वाभिमान में अकड़ते हुए डॉयलॉग बोलता है कि 'साहब वह मेहनत का पैसा ले रहा है न कि कोई भीख।' बूट-पॉलिश कराने वाला साहब उससे प्रभावित होता है और फिर उसके हाथ में पैसे दे देता है। वास्तविकता देखनी हो तो मुंबई आइए जहां...

किशोर दा! क्या आप सुन रहे हैं कि आज दुनिया आपके सदाबहार गीतों को कितनी शौक से गा रही है और गुनगुना रही है। आज का दिन हम सबके लिए इसलिए भावनात्मक और यादगार है क्योंकि इस दिन आपने हमसे अचानक कहा अच्छा तो हम चलते हैं। क्या आपने ये गाना आज के लिए ही गाया था? आपको हरेक रूप में और हर रंग में ढूंढ लिया जाता है। कौन कहता...

देवधर ट्राफी जैसी प्रतियोगिता को स्थगित किया गया है तो दूसरी तरफ घरेलू क्रिकेट की स्थापित प्रतियोगिताओं पर कारपोरेट टूर्नामेंट और आईपीएल चैपियंस टूर्नामेंट को तरजीह दी गई है। एक ओर जहां इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट ढांचे को मजबूत किया जा रहा है वहीं भारत में इसे हाशिये पर धकेला जा रहा है। यदि इसी तरह से...

मनोरंजन चैनल को ऑन करते ही कुछ नवोदित गवैये कुछ अंजाने निर्णायकों के सामने गानों की शक्ल में चिल्लाते और उछलते कूदते असंगत पौशाकों में नजर आएंगे। इससे यह पता चलना कोई आसान काम नहीं है कि यह प्रतियोगिता गाने की है या उछल कूदने की। किसी ऐसी सुर प्रतियोगिता के जरिए प्रतिभा का आंकलन नहीं किया जा सकता।...