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श्रीश्री रविशंकर कोलंबिया और पेरू में सम्मानित

कोलंबिया में शांति प्रयासों के लिए मिला सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीश्री रविशंकर को बधाई दी

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Thursday 2 July 2015 05:55:30 AM

shree shree ravishankar honored in colombia

नई दिल्ली। दक्षिणी अमेरिकी देश कोलंबिया की संसद के सभापति ने अपने देश के सर्वोच्च पुरस्कार से भारत के आर्ट ऑफ लिविंग के संस्‍थापक एवं आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को सम्मानित किया। श्रीश्री रविशंकर पहले ऐसे एशियन हैं, जिन्हें दक्षिण अमेरिका के एक और देश पेरू ने भी तीन-तीन सम्मानों से नवाजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए श्रीश्री रविशंकर को इस सम्मान के लिए बधाई दी। श्रीश्री रविशंकर ने अपने सम्मानित होने पर कहा है कि कोलंबिया ने विश्व में शांति की शक्ति को नमन किया है, शांति कायम करने के लिए कोलंबिया में किए गए शांति कार्यों की गूंज कोलंबियन संसद में हुई है। श्रीश्री रविशंकर ने पुरस्कार को लेते हुए कहा कि वादा करता हूं कि कोलंबिया की कलह को शांत करने के लिए मैं अपनी क्षमता के अनुरूप अवश्य कार्य करुंगा। यह पुरस्कार श्रीश्री रविशंकर को उनकी संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से कोलंबिया में किए गए शांति प्रयासों एवं कार्यों के लिए दिया है।
हिंसामुक्त और तनावमुक्त विश्व निर्माण के प्रति संकल्प को दोहराते हुए श्रीश्री रविशंकर ने यह पुरस्कार उन लोगों को समर्पित किया, जो अहिंसा के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब शांति और न्याय के बीच कलह हो तो इन दोनों को मिलाने का कार्य बहुत बड़ा कार्य होता है, केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही इस स्थिति से निपटा जा सकता है। कोलंबिया के शीर्ष नेताओं ने इस पुरस्कार से सम्मानित होने पर श्रीश्री रविशंकर को बधाई दी। उन सबका कहना था कि हमें श्रीश्री रविशंकर के विश्वभर में शांति स्थापना के कार्यों और उनके विश्व पर पड़े सकारात्मक प्रभावों पर गर्व है। श्रीश्री रविशंकर को लिखे अपने पूर्व पत्र में कोलंबिया संसद के अध्यक्ष फेबियो राऊल आमिन सलेम ने कहा था कि कोलंबिया में शांति के लिये आपके 8 वर्ष में किए गए कार्यों को हमारे उत्साहित राष्ट्र ने पहचाना, हमारे देश में आर्ट ऑफ लिविंग की उपस्थिति के लिए हम आपके आभारी हैं, हम आपको हिंसामुक्त समाज के निर्माण में सहायता करने के लिए कोलंबिया आमंत्रित करते हैं।
श्रीश्री रविशंकर को दक्षिण अमेरिका के पेरु देश ने भी तीन पुरस्कारों से सम्मानित किया है। उनके सामाजिक कार्यों और शांति कार्यों को देखते हुए पेरु की नेशनल कांग्रेस ने उन्हें डिप्लोमा डि ऑनर से सम्मानित किया। एंडियन पार्लियामेंट (बोलिविया, कोलंबिया, एक्युडोर और पेरु) ने उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार मेडाला डे ल इंटिग्रेशियन एन एल ग्रेडो डि ग्रान ऑफिशियल से जर्नल सेक्रेटेरियट लिमा पेरु में सम्मानित किया। एना मारिया सोलार्जैनो लिमा के मेयान ने भी श्रीश्री रविशंकर को सम्मानित किया। इस अवसर पर एंडियन सांसद ब्रैंडो तापिया ने कहा कि हर किसी को इस विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु को जानने का अवसर मिलना चाहिए, जिसने हर एक व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सहायता की है, जिसने एक बेहतर समाज बनाने की कोशिश की जो कि सम्मान, एकता और प्रसन्नता से भरा बनाने के लिए एक सेवा है। श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमें मिलकर काम करना चाहिए, ताकि यह पूरा महाद्वीप हिंसा और तनावमुक्त हो सके।
श्रीश्री रविशंकर ने अध्यक्ष और कांग्रेस के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए अपना भाषण स्पेनिश में आरंभ किया और अंत नमस्ते कहकर किया। इसका अर्थ उन्होंने बताया कि मैं आपका हूं। उन्होंने कहा कि हमें तीन स्तर पर संबंध बनाने की आवश्यकता है, पहला स्वयं के साथ, दूसरा समाज के साथ और तीसरा प्रकृति के साथ। श्रीश्री रविशंकर ने एफएआरसी के सदस्यों को गांधीवादी सिद्धांत अपनाने के लिए मनाया। उनसे मिलने के बाद क्यूबा के एफएआरसी (फ्यूरजस आर्मदस रिवाल्यूशनरीज़ डे कोलंबिया) नेताओं में ऐतिहासिक हृदय परिवर्तन हुआ। अपने तीन दिवसीय क्यूबा प्रवास के दौरान उन्होंने, एफएआरसी के नेताओं से मुलाकात की, जिसमें पिछले तीन वर्ष से जारी शांति गतिरोध को समाप्त कर विश्वास कायम करने के शांति बहाली के लिए प्रयास पर खास जोर रहा। एफएआरसी ने श्रीश्री रविशंकर से शांति प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेने का अनुरोध किया था। श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि इस पूरी कलह में हर कोई पीड़ित है और हर अपराधी के भीतर एक पीड़ित भी छुपा होता है, जो कि सहायता के लिए पुकार रहा होता है।

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