

राष्ट्र की अनेकता में एकता की सूत्रधार बेसिक शिक्षा, कई धाराओं और धारणाओं में भटकती बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्राइमरी स्कूलों में ठोकरें खाती और उपहास बनती बेसिक शिक्षा, राजनेताओं, नौकरशाहों, दलालों के भ्रष्टतंत्र से थर्राती बेसिक शिक्षा और राष्ट्रधर्म एवं राष्ट्रकर्म के लिए तरसती बेसिक शिक्षा को आज किसी...

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को स्थापित हुए पैंतीस साल हो गए हैं। मोटे तौर पर इसके लाभ-हानि का यदि आकलन किया जाए तो यहां काफी कुछ नष्ट हो चुका है। सच कहा जाए तो भारतीय वन प्रबंधन इसके लिए सीधे जिम्मेदार है। शीर्ष अधिकारियों की पदलोलुप महत्वाकांक्षाएं, भ्रष्टाचारजनित कृत्य और अकर्मण्यता से वन और वन्यजीवन की सुरक्षा एवं संरक्षण...

बसपा दो ही प्रकार से सत्ता में लौट सकती है, या तो वह अपने बूते बहुमत हासिल करे या फिर उसकी सरकार बनवाने के लिए पर्याप्त संख्या बल के साथ कोई उसके साथ आए। बसपा जानती है कि उसके लिए भाजपा में अब कोई सहानुभूति नहीं है। भाजपा का नेतृत्व नितिन गडकरी के हाथ में है, जो अपनी शर्तों पर बसपा से समर्थन तो ले सकते हैं, लेकिन बसपा को समर्थन...

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह की नियुक्ति पर आखिर सवाल दाग ही दिया है। इससे शशांक शेखर सिंह एक गंभीर कार्मिक विवाद में फंस गए हैं तो मायावती सरकार भी कटघरे में खड़ी हो गयी है। हालांकि शशांक शेखर सिंह इस सरकार में अपनी महत्वपूर्ण पारी खेल चुके हैं और इस समय केवल सेवा विस्तार पर...

मायावती का हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले और राज्य के केबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह, जाट हैं और मुरादाबाद में यह बात इस तरह से हर आदमी की जुबान पर है कि वे मायावती की नज़र में बने रहने के लिए जाटों को भड़का रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ जाट नेता खरीदे गए हैं और कुछ को राजनीतिक लालच देकर रेलवे ट्रैक पर बैठा दिया गया है ताकि केंद्र...

यह बरेली शहर है और जो आप देख रहे हैं यह किसी घटना के फलस्वरूप कोई घोषित कर्फ्यू नहीं है बल्कि महाशिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री मायावती इस समय बरेली दौरे पर हैं और यह स्थानीय प्रशासन की दहशतभरी सुरक्षा तैयारी है जिसमें आदमी तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जनसामान्य में भारी आलोचनाओं और निंदा से घिरे विकास कार्यों की...
यह समस्या पूरे इलाके की है जिस पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया और टरकाते रहे। डीएम बुलंदशहर शशि भूषण लाल सुशील के पास पहुंचे तो वह भी बोदे और असहाय ही साबित हुए जिसके बाद गांव के लोगों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। ये अधिकारी श्रीराम बंसल को भूख हड़ताल से मर जाने देते यदि उत्तर प्रदेश की चक्रवर्ती मुख्यमंत्री मायावती का बुलंदशहर में औचक निरीक्षण...

भले ही इस सच्चाई को गंभीरता से न लिया जाए किंतु यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता और दलित राजनीति की लड़ाई 'मायावती बनाम पीएल पुनिया' में शीघ्र ही बदल जाएगी। वे उस समाज में भी अपनी सहानुभूति खो रही हैं जो उन्हें सर आंखों पर बैठाकर अपना मसीहा और कुलदेवी मान बैठा है। मायावती जिस 'भ्रष्ट सिंडिकेट' के चंगुल में हैं उससे उनका...

अयोध्या में जहां रामलला की मूर्ति स्थापित है, वह स्थान ही रामजन्मभूमि है। करोड़ों लोगों की धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के चरम किंतु 'विवादित' शब्द से घिरे इस विश्व विख्यात स्थान पर कभी हिंदू धार्मिक स्थल हुआ करता था जिसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी जोकि इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ थी, जिसे मस्जिद नहीं माना जा सकता।...

कोर्ट को धन्यवाद कि जिसने ऐसे चेहरों को बेनकाब किया जो न्याय की राह में रोड़ा बनते हैं। मीडिया के कुछ चेहरों को आप टीवी चैनलों में और समाचार पत्रों में उनके खतरनाक विश्लेषणों के रूप में पहचान सकते हैं। धर्मनिरपेक्षता और निष्पक्ष पत्रकारिता का रूप धरे, घोर साम्प्रदायिक सोच वाले ऐसे मीडिया वालों को आप जरूर पहचानिए जो...

इटावा में जिलाधिकारी कार्यालय की प्राचीर पर चिथड़ों में लटका राष्ट्रीय ध्वज आप भी देखिए। यह जिलाधिकारी के अपनी कलक्ट्रेट के घटिया प्रबंधन का एक प्रमाण है। जिलाधिकारी से पूछिए कि उनके भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन का क्या औचित्य है? क्योंकि वे भारतीय संविधान की दृष्टि में एक श्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं...

क्रांति की शक्ति सिर्फ पुरुषों को ही आकृष्ट नहीं करती है, बल्कि महिलाओं को भी वैसे ही आकृष्ट करती आ रही है, इसीलिए हर युग के इतिहास में महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने चंडी का भी रूप धरा और अपनी अदम्य शक्ति का लोहा मनवाया।...

चंदौली में स्वतंत्रता संग्राम के आखिरी दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्नान पर 16 अगस्त 1942 को महाईच परगना के आन्दोलनकारियों ने जो कुछ किया वह कामयाबी और बलिदान के नजरिये से संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) और भारत के ऐसे कई बड़े मामलों में से एक था, लेकिन इस कांड की उतनी चर्चा नहीं हो पाई जितनी होनी चाहिए...

यदि फेसबुक पर युवाओं में राजनीति को लेकर घोर निराशावादी धारणाएं घर कर रही हैं तो इसके गंभीर कारण हैं जोकि भारतीय राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। इस गहरी निराशा को उखाड़ फेंकने के लिए राजनीतिक दलों को कुछ तो उपाय करने ही होंगे ताकि धरती पर मनुष्य के लिए अनंतकाल से सर्वश्रेष्ठ उत्तरदान मानी जाने वाली 'राजनीति'...

वाद्ययंत्र से जुड़ा एक प्रशिक्षु कलाकार जब सारंगी के बारे में नही जानता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सारंगी सुनने वाले कितने बचे होंगे? छानबीन से पता चलता है कि सारंगी के उस्ताद भी बस गिने चुने हैं और सीखने वाले तो नदारद हैं। इसलिए इस वाद्य यंत्र की मधुर और कर्णप्रिय लय अब बहुत कम ही सुनने को मिलती है। यदि सारंगी को संगीत...