उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अपने विद्यालय सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ पहुंचे और वहां मौजूदा एवं पूर्व छात्रों और शिक्षकों से मुलाकात की। ज्ञात रहेकि जगदीप धनखड़ ने सन् 1962 से 1967 तक अपनी स्कूली शिक्षा यहीं से पूरी की है। इस अवसर पर भावुक होते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि आज मैं जो कुछ हूं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ और यहां मिली शिक्षा...
कवि और चिंतक नंदकिशोर आचार्य ने 'स्वाधीनता और साहित्य' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा है कि मनुष्य केवल तर्क से नहीं संवेदना से भी चलता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के खास विचार में अवमूल्यन करना साहित्य की कला को नष्ट करना है। नंदकिशोर आचार्य ने कहा कि साहित्य की आवश्यकता इसलिए बनी रहेगी कि वह मनुष्य की संवेदना को विकसित...
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बूंदी और सवाई माधोपुर में विशाल जनसभाओं को संबोधित किया और राजस्थान में जातिवाद एवं नफरत का ज़हर फैलाने वाली कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। अमित शाह ने कहा कि राजस्थान की जनता के सामने एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व...
प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था संभावना ने विख्यात हिंदी कथाकार अखिलेश पर केंद्रित 'समकालीन परिदृश्य और अखिलेश का साहित्य' राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया, जिसमें अनेक हिंदी विद्वानों ने अखिलेश की रचनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र को अखिलेश ने संबोधित किया और कहा है कि शिल्प और भाषा फंदे की तरह है, लेखक के पास...
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कल राजस्थान में चितौड़गढ़ दुर्ग में विश्व धरोहर पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने दुर्ग के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित विवरण पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। चितौड़गढ़ दुर्ग राजस्थान के उन छह पर्वतीय दुर्गों में से एक है, जिसे हाल ही में युनेस्को...
इक्कीस अप्रैल को ई-पत्रिका अपनी माटी ने माटी के मीत नाम से एक कविता केंद्रित कार्यक्रम का आयोजन किया। सवाई माधोपुर के विनोद पदरज और अजमेर के अनंत भटनागर ने सामान्य श्रोताओं के मध्य नई कविता का प्रभावी पाठ किया और मुक्त छंद की कविता को वाचिक परंपरा से जोड़ने का सफल प्रयत्न किया। विनोद पदरज ने कचनार का पीत पात, बेटी के हाथ की रोटी, शिशिर की शर्वरी, दादी माँ, उम्र आदि कविताएँ सुनाईं, जबकि...
रचनाकार को अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ ही सामाजिक यथार्थ को ध्यान में रखकर रचनाएं गढ़नी चाहिएं, जो लेखक सच और सामने आते हालातों को दरकिनार कर आज भी प्रकृति और प्यार में ही लिख रहा है तो ये समय और समाज कभी उसे माफ़ नहीं करेगा, वे तमाम शायर मरे ही माने जाएं जो अपने वक़्त की बारीकियां नहीं रच रहे हैं, इस पूरी प्रक्रिया में ये सबसे...
साहित्य और संस्कृति की ई-पत्रिका अपनी माटी की ओर से सत्रह फरवरी को चित्तौड़गढ़ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में मुख्य रूप से युवा उपन्यासकार अशोक जमनानी शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि अशोक जमनानी का नया उपन्यास खम्मा भी हाल ही में प्रकाशित हुआ है और इसकी पृष्ठभूमि में हाशिए के लोगों में शुमार राजस्थान के मांगनियार कलाकार हैं। वे कहानी के माध्यम से महलों और झोंपड़ों...
यथार्थ को संजोते हुए जीवन की वास्तविकता का चित्रण कर समाज की गतिशीलता को बनाए रखने का मर्म ही कहानी है। सूक्ष्म पर्यवेक्षण क्षमता शक्ति एक कथाकार की विशेषता है और स्वयं प्रकाश इसके पर्याय बनकर उभरे हैं, उनकी कहानियों में खास तौर पर कथा और कहने की अलग शैली दिखती है। यही कारण है कि पाठक को कहानियां अपने आस-पास के परिवेश से...