

मेघों की गर्जना से आत्मविभोर होकर कर्णप्रिय आवाज़ के साथ नृत्य करने वाले मोर प्यास के मारे दम तोड़ रहे हैं। विकास के नाम पर उनके परंपरागत परिवास उजाड़कर प्रशासन ने उनका प्राकृतिक वातावरण नष्ट कर दिया है। कल तक वे जिसे अपना घर-आंगन समझते थे वह उन्हें पराया लग रहा है। उन्हें न पानी नसीब है और न घर। मोर पर भी इटावा में मौत...
कौन हैं जिन्होंने अश्लील आर्केस्ट्रा को पूर्वांचल का दरवाजा और घर आंगन दिखाया है और दिखा रहे हैं? परंपरावादी भोजपुरी संगीत आर्केस्ट्रा के सामने क्या संरक्षित और सुरक्षित रह पायेगा? आज हर नेता, हर साहित्यकार गीतकार और हर दार्शनिक भोजपुरी की बड़ी-बड़ी बातें करता है। लेकिन इस अश्लीलता पर उसकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। लोक-लिहाज की वह पुरानी सभ्यता यहां तार-तार हो जाती है जब गावों...
क्या बौद्ध धर्म से उन्हें यही शिक्षा मिली है कि वे जातीय नफरत पैदा करें, दूसरों के धर्मों, महापुरूषों, उनके पूज्य देवी-देवताओं वेदों शास्त्रों का अपमान करें? उन्हें ही क्या यह किसको अधिकार है कि वह ऐसा कृत्य करे कि दूसरों की भावनाएं आहत हों? ऐसा करने की हिम्मत तभी हो सकती है जब उसको किसी शक्तिशाली की शह प्राप्त हो। क्या मायावती या उनकी सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को यह मालूम नहीं...

अदालत में पुरातत्ववेत्ताओं की अयोध्या उत्खनन रिपोर्ट पर बयान लिखे जाने का कार्य समाप्ति की ओर है। क्या निर्णय होगा, इसकी भविष्यवाणी भी कोई नहीं कर सकता। फैसले के क्रियान्वयन का नैतिक बल सरकार के पास होगा या नहीं, यह कहना भी बहुत कठिन है। बनारस के दोशीपुरा कब्रिस्तान से सम्बंधित शिया व सुन्नी मुसलमानों के बीच पिछले 110...

दुधवा नेशनल पार्क में चल रही विश्व की अद्वितीय गैंडा पुनर्वास परियोजना संबंधित अफसरों की लापरवाही कुप्रबंधन एवं उपेक्षा का शिकार हो गयी है। उर्जाबाड़ से संरक्षित वनक्षेत्र में रहने वाले तीस सदस्यीय गैंडा परिवार के पांच सदस्य करंटयुक्त फैंसिंग तोड़कर बाहर घूम रहे हैं। पार्क प्रशासन के अफसर गैंडों की सुरक्षा की कोई...

दहेज उत्पीड़न और शारीरिक यातनाएं देकर प्रियंका को घर से निकालने एवं उसमें पुलिस की फाइनल रिपोर्ट का एक मामला इन दिनों गाजियाबाद में काफी चर्चा का विषय है। अपने को मुख्यमंत्री मायावती का अत्यंत विश्वासपात्र प्रचारित करने वाले और आईपीएस काडर में भ्रष्ट और बदनाम गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रघुबीर लाल की इस मामले...

देश के जाने-माने राष्ट्रीय उद्यानों में एक दुधवा नेशनल पार्क से आज जैसे रोने की आवाज आती है। यह पार्क वन्य प्राणियों और समृद्धशाली वनसम्पदा से आच्छादित था। मीलो लंबी हरियाली और हरे-भरे मैदानों में फलते-फूलते वन्यप्राणी साम्राज्य की हलचल से गुलजार, बारहों-मास वसंत ऋतु की दूर तक फैली महक से आस-पास के इलाकों में मदमस्ती...

उत्तर प्रदेश में कड़े राजनीतिक संघर्ष और अपनी ही रणनीतियों के असली सच का आज सामना कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव। वे कहां खड़े हैं? वे धरती-पुत्र के नाम से विख्यात हैं लेकिन आज यह खिताब और उनकी ख्याति दोनों ही ख़तरे मे हैं। उनके सारथी अमर सिंह ने उन्हें ऐसे रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब वे...
यूपी के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने सोचा होगा कि एमएलसी सुनील सिंह से भी वे उनका बंगला या उसकी जमीन ले लेंगे लेकिन यह पासा उल्टा पड़ गया है। इसे लेने के लिए जिस प्रकार का दबाव बनाया है वह रिकार्डिंग सुनकर समझा जा सकता है। बंगले के अधिग्रहण की भी वे इशारे-इशारे में धमकी दे रहे हैं। इस टेप मे सबसे अहम बात यह है कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शैलेश कृष्ण बड़े ही आत्म विश्वास से कोर्ट की बेंच...

बहुजनमायावती और अमर सिंह समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच घटिया दर्जे का वाक-युद्ध अपने चरम पर है। उत्तर प्रदेश्ा की तेईस करोड़ की आबादी पर समय-समय पर राज करने वाली इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने सत्ता को हथियाने और अपना कब्जा बनाए रखने के लिए जिन हथकंडों का इस्तेमाल किया हुआ है उनसे प्रबुद्ध वर्ग...

नौकरशाही को उसका धर्म बताना या उनके कर्त्तव्यों और कार्यप्रणाली पर टीका टिप्पणी करना या सलाह देना उनके 'ईगो' को सीधे चोट पहुंचाना समझा जाता है। ये अपने स्वार्थ या किसी दबाव में ही अक्सर काम करते देखे जाते हैं। यही कार्य प्रणाली आज इनके लिए मुसीबत बन गई है। वास्तव में उत्तर प्रदेश में नौकरशाहों की गुलामों से भी बदतर स्थिति...

कहते हैं कि रिश्ते ऊपर से बनकर धरती पर आते हैं। 'हिना परवीन' उन खुशनसीब लड़कियों में से एक है, जिसने यतीमखाने में संरक्षण पाकर 26 अक्टूबर को अपने सुखद और वैवाहिक जीवन के सपने को पूरे होते देखा। अपनी संघर्षभरी आत्मकथा में उसने कभी नहीं सोचा होगा कि उसे और लड़कियों की तरह सम्मान और रीति-रिवाज़ के साथ डोली में बैठाकर रूख़सत...

उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल ने खेल को भी अपनी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। बदनाम गुटबाज़ जातिवादी और राज्य के खेल परिसरों में अराजकतत्वों को बढ़ावा देकर खेल के वातावरण को लंबे समय से दूषित करते आ रहे खेल विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ वे ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जिनसे खेल का कोई भी विकास नहीं हो...
यहां तो जातिगत राजनीति के हर कुएं में आरक्षण की भांग पड़ी हुई है। कांग्रेस सांसद सलमान खुर्शीद ने अगर मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण की मांग उठा दी है तो ईसाइयों को भी आरक्षण देने की मांग बुलंद होती रही है। जैन धर्म से जुड़े लोगों को भी आरक्षण देने की मांग उठ ही चुकी है। गुर्जरों को आरक्षण देने की मांग भी एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था पर विचार किया जाए तो...

उत्तर प्रदेश में तिकड़मों से शराब के व्यवसाय में एकाधिकार कायम करने वाले शराब के ठेकेदार पौंटी चढ्ढा चार साल से कोयले का भी जमकर कारोबार कर रहें है, लेकिन यह सारा काम इतनी सफाई से हो रहा है कि किसी को कानों कान खबर तक नहीं है। पौंटी चड्डा की मायावती सरकार में भी बल्ले-बल्ले है और वह इतनी घुसपैठ रखते हैं कि उनके दावे के सामने...