मानवता, न्याय और यकीन की बुनियाद पर खड़े इस्लाम पर उंगलियां उठ रही हैं। गैर मुसलमानों की नई पीढ़ी में एक शक घर कर रहा है कि क्या आतंकवाद फैलाने का काम मुसलमान करते हैं? द़निया में जो आंखें खोल रहे हैं उनके सामने से इस्लाम की सही तस्वीर ओझल हो रही है। इस पीढ़ी की यह बदकिस्मती कहेंगे कि वह उपदेशों, शिक्षा और नसीहतों से भरे इस्लाम...
जमीनी हकीकत यह है कि मीडिया गंभीर संक्रमण और अग्निपरीक्षा के दौर से गुजर रहा है मीडिया संगठनों में विश्वसनीयता और संचित गुडविल की कीमत पर मुनाफा कमाने की होड़ लगी है। पैसा कमाने के लिए कई तरीके अख्तियार किए जा रहे हैं।...
देश में जब गैर कांग्रेसी सरकारों का आना हुआ तो वे सरकारें भी आपसी कलह और अन्तर्द्वंद के कारण न तो चल सकीं न दोबारा सत्ता में वापस आ सकीं हैं। इस समय भी यही हाल है। केंद्र की यूपीए सरकार ने वामपंथियों के शामिल होने का देश भारी नुकसान उठा रहा है।...
भारत के लिए परमाणु डील में देर ज्यादा ही परेशानी वाली और नुकसानदेह होती जा रही है क्योंकि भारत को फिलहाल जितनी देश के वामपंथियों की जरूरत है उससे कहीं ज्यादा जरूरत उसे विश्व समुदाय के उन देशों की है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के आर्थिक सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों में अपना पूरा दखल रखते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना भारत...
लोकसभा का चुनाव अभी दूर है और भाजपाइयों ने प्रधानमंत्री तय कर लिया है। भाजपा की इसी लॉबी ने ऑपरेशन नरेंद्र मोदी चलाया हुआ है। कारण यह है कि पूरा देश नरेंद्र मोदी को देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रहा है, जिससे भाजपा के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और दूसरे नेताओं के सीने पर सांप लौट रहा है।...
जो लोग भारतीय हाकी फेडरेशन के अध्यक्ष केपीएस गिल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वह कितने दूध के धुले हुए हैं वह जरा इस पर भी सोचे। भारतीय हाकी पर किसी एक तरफ से हमला नहीं हुआ है इसके हत्यारे इसी के भीतर छिपे हैं। हाकी में घुसे गिरोहोबाजो ने इसे नौकरी पाने और सैर पर जाने का ऐसा जरिया बनाया कि इसमें सभी ने हाथ धोने शुरू कर दिए।...
पश्चिम उत्तर प्रदेश के दलित, मुस्लिम, पिछड़ा वर्ग और जाट बाहुल्य पट्टी में कई विधानसभा सीटों पर जाट अपनी निर्णायक भूमिका में हैं, जो राजनीतिक मामलों में ज्यादातर चौधरी अजित सिंह के ही साथ चलते हैं। कोई भी स्थिति रही हो अजित सिंह का राजनीतिक महत्व हमेशा से कायम है।...
वित्तमंत्री थिरू पी चिदंबरम के बजट से यह समझने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए कि राहतों का यह पिटारा केवल जादुई है जिसे वोटों के लिए खोला गया है। यह कांग्रेस की लोकसभा के चुनाव की तैयारी है। बिल्कुल साफ है कि इसी साल के अंत तक ये चुनाव हो जाएंगे।...