भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान ने श्रीहरिकोटा से देश का सबसे बड़ा रॉकेट जीएसएलवी सफलता पूर्वक लांच कर दिया। इसका पहला और दूसरा चरण कामयाब रहा। जीएसएलवी में स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल हो रहा है। इसरो और उसके विज्ञानियों को देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बधाई दी है। इसरो के प्रवक्ता...
भारत के मंगलयान की कक्षा को आज सुबह भारतीय समयानुसार एक बजकर 17 मिनट पर ऊँचा किया गया। इसके लिए बैंगलुरू के पीन्या स्थित इसरो के अंतरिक्ष यान नियंत्रण केंद्र से अंतरिक्ष यान के 440 न्यूटन लिक्वड इंजन को 416 सेकेंडों तक चलाया गया। इसके बाद पृथ्वी से मंगलयान का शिरोबिंदु (पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर स्थित बिंदु) 28,825 किलोमीटर...
भारत के मंगल कक्षीय अंतरिक्षयान पीएसएलवी-सी 25 का प्रक्षेपण सफल रहा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएसएलवी-सी 25 पर मंगल कक्षीय अंतरिक्षयान के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ-इसरो) को बधाई दी है। इसरो के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन को एक संदेश में राष्ट्रपति ने...
आज ओड़िशा के तटीय क्षेत्र में चांदीपुर स्थित परीक्षण परिसर में भारत में ही तैयार सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु समर्थ पृथ्वी-II मिसाइल का विशिष्ट रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) की एक मिसाइल इकाई ने सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है। यह परीक्षण बिना किसी बाधा के पूरा किया गया और मिसाइल ने अपने लक्ष्य...
भारत के एडवांस मल्टीबैंड कम्यूनिकेशन सेटेलाइट जीएसएटी-7 के सभी यूएचएफ, एस, सी तथा केयू बैंड में संचालित होने वाले 11 ट्रांसपांडरों को सफलतापूर्वक चालू कर दिया गया है और ट्रांसपांडर सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। जीएसटी-7 अब अपने निर्धारित कक्षा में 75 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित कर दिया गया है और 11 ट्रांसपॉंडरों की कक्षा परीक्षण प्रगति पर है...
रक्षा मंत्री एके एंटनी का स्थानीय आर्मी रिसर्च एंड रैफरल अस्पताल में प्रोस्टैट ग्रंथि का छोटा आपरेशन हुआ है। वह कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहेंगे। एंटनी ने अग्नि-V के दल को बधाई दी। एके एंटनी ने अग्नि-V बैलिस्टिक मिसाइल के दूसरे सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख अविनाश चंदर और उनके दल को बधाई दी है। एंटनी ने एक संदेश में कहा कि आज की सफलता ...
भारत का उन्नत बहुब्रांड संचार उपग्रह जीएसएटी-7 जो कोरू, फ्रैच गुयाना से 30 अगस्त 2013 की प्रात: प्रक्षेपित किया गया था (3 सितंबर 2013 को पृथ्वी की सतह से लगभग 36,000 किलोमीटर ऊंचाई पर जियोसिनक्रोनस कक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है। इसने हासन स्थित इसरो के मास्टर कंट्रोल फेसिलिटी (एमसीएफ) से नियंत्रित आखिरी...
भारतीय अंतरिक्ष उत्पादों एवं सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने के लिए अंतरिक्ष निगम बड़े पैमाने पर वाणज्यिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इनमें इनसैट, जीसैट श्रृंखला के उपग्रहों की ट्रांसपोडर क्षमता को भारतीय ग्राहकों को लीज पर देना, भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रहों से प्राप्त आंकड़ों तथा इससे जुड़ी सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को उपलब्ध कराना...
भारत का मौसम संबंधी उन्नत उपग्रह, इनसेट-3डी सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले उपग्रह ने हासन स्थित इसरो मास्टर कंट्रोल फैसलिटी के नियंत्रण में कक्षा की तीन परिक्रमाएं कीं। यह उपग्रह कौरू, फ्रेंच गुआना से 26 जुलाई, 2013 को प्रात:काल प्रक्षेपित किया गया था...
भारत ने मंगलवार को प्रात: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के तहत पहले नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इस उपग्रह को इसरो के पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान पी-एसएलवी-सी22 के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी का यह लगातार 23वां सफल...
पद्मश्री अविनाश चंदर ने शुक्रवार को यहां एक संक्षिप्त समारोह में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार का पदभार संभाला। अविनाश चंदर को तीन वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। वे रक्षा मंत्री के 11वें वैज्ञानिक सलाहकार हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का स्तर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए उन्होंने इस...
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की उपलब्धियों की सराहना की है और कहा है कि पिछले तीन वर्षों में इसरो ने 15 शानदार मिशन पूरे किए हैं, जिनमें कॉर्टोसैट-2बी, मेघाट्रॉपिक्स, रिसेट-1 और कई पीएसएलवी प्रक्षेपण शामिल हैं। सोमवार को श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी-सी20/सरल मिशन के प्रक्षेपण के अवसर पर वैज्ञानिकों...
नए शोध का निष्कर्ष अगर स्थापित हो जाता है तो यह निष्कर्ष कार्य और कारण के सिद्धांत को भी पलट कर रख देगा। अभी तक माना जाता था, पहले कारण होता है और उसके बिना पर ही कोई कार्य होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ब्रह्मांड में न्यूट्रिनो प्रकाश की गति के लिए चुनौती है। उनका कहना है कि अगर प्रकाश की गति सबसे तेज नहीं है, तो यह पूरा...