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Friday 13 May 2016 05:58:51 AM
नई दिल्ली। सिख समाज में आध्यात्मिक चेतना और धर्मपथ के विलक्षण ज्ञान का प्रसार करने वाले आध्यात्मिक गुरू संत निरंकारी बाबा हरदेव सिंह की एक सड़क हादसे में दुखद मृत्यु हो गई। बताया गया है कि वे कनाडा के मांट्रियल शहर में दुर्घटनाग्रस्त हुए और उनकी मृत्यु हो गई। मांट्रियल में उनका आश्रम भी है। अत्यंत हसमुख स्वभाव से सत्संग और भजन-कीर्तन करने वाले निरंकारी बाबा हरदेव सिंह को उनके पिता की मृत्यु के बाद निरंकारी मिशन की गद्दी मिली थी। का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ था।
निरंकारी समुदाय के बाबा हरदेव सिंह दिल्ली संत निरंकारी कालोनी में रहने वाले बाबा गुरबचन सिंह एवं कुलवंत कौर के यहां जन्मे। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा दिल्ली के रेडियो कालोनी में स्थित रोजरी स्कूल में हुई। इसके बाद की पढ़ाई के लिए वे पटियाला के यादवेंद्र पब्लिक स्कूल में गए। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। बाबा हरदेव सिंह का मानना था कि ईश्वर एक है और उसके बनाए गए इंसानों में भी कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने धर्म और ज्ञान का प्रकाश प्रज्वलित करने के लिए भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों में धार्मिक यात्राएं कीं।
आध्यात्मिक गुरु 25 अप्रैल को कनाडा जाने के लिए दिल्ली से रवाना हुए थे और न्यूयार्क के बाद कनाडा पहुंचे थे। निरंकारी बाबा की 27 देशों में 100 आध्यात्मिक शाखाएं हैं। उनके मानने वाले देश-दुनिया में लाखों की संख्या में है, जिनमें इस दुखद खबर ने कोहराम मचा दिया। गौरतलब है कि बाबा हरदेव सिंह को 1980 में संत निरंकारी मिशन के प्रधान और पिता की हत्या के बाद निरंकारी मिशन प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने सतगुरु की उपाधि धारण की। निरंकारी मिशन ने श्रद्धालुओं से धैर्य की अपील की है और कहा है कि कानूनी प्रक्रियाओं के बाद मिशन की अगली रूपरेखा तय होगी।