फिलहाल खंडूरी ने अपनों का विश्वास तो खोया है, फिर भी उनकी कुर्सी खतरा नहीं दिखता है। सितंबर में यहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं और इसके बाद भाजपा को फिर लोकसभा चुनाव का सामना करना है। इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य को देखकर अब यही लगता है कि उत्तराखंड के आने वाले इन सभी चुनावों में भाजपा मुश्किल में होगी।...
यह लिखना कोई इतिहास हो या किसी को नापसंद, लेकिन इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि महारानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारीबाई, ऊदा देवी, सावित्री बाई फुले, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा जैसी महान नारियां तीन-चार सदियों में एकाध बार पैदा होती हैं। इन्हीं में जनशक्ति और अद्भुत प्रचंड राजयोग लेकर मामूली से दलित परिवार में जन्मी...
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि वह मुलायम सिंह यादव से अपना हिसाब किताब चुकता करने के लिए ताज कॉरीडोर मामले में मायावती को जिस बड़े ‘संकट’ से बाहर निकाल रही हैं, उसका राहुल गांधी के राजनीतिक मिशन पर विपरीत असर पड़ेगा।...
केंद्र सरकार के वामदलों से रिश्तों में कड़वाहट के बाद सपा का एकाएक केंद्रीय राजनीति में महत्व बढ़ा है। उत्तर प्रदेश में सपा में राजनैतिक सेंधमारी की कोशिशों के बावजूद आज भी मुलायम सिंह यादव मुसलमानों की पहली पसंद बने हुए हैं।...
देश में जब गैर कांग्रेसी सरकारों का आना हुआ तो वे सरकारें भी आपसी कलह और अन्तर्द्वंद के कारण न तो चल सकीं न दोबारा सत्ता में वापस आ सकीं हैं। इस समय भी यही हाल है। केंद्र की यूपीए सरकार ने वामपंथियों के शामिल होने का देश भारी नुकसान उठा रहा है।...
भारत के लिए परमाणु डील में देर ज्यादा ही परेशानी वाली और नुकसानदेह होती जा रही है क्योंकि भारत को फिलहाल जितनी देश के वामपंथियों की जरूरत है उससे कहीं ज्यादा जरूरत उसे विश्व समुदाय के उन देशों की है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के आर्थिक सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों में अपना पूरा दखल रखते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना भारत...
लोकसभा का चुनाव अभी दूर है और भाजपाइयों ने प्रधानमंत्री तय कर लिया है। भाजपा की इसी लॉबी ने ऑपरेशन नरेंद्र मोदी चलाया हुआ है। कारण यह है कि पूरा देश नरेंद्र मोदी को देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रहा है, जिससे भाजपा के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और दूसरे नेताओं के सीने पर सांप लौट रहा है।...
उमा भारती भाजपा में भी कितनों के राजनीतिक राजयोग की सबसे बड़ी बाधा मानी जाती हैं। मगर भाजपा के ड्राइंगरूमी नेताओं ने अकेलेउमा को ही नहीं बल्कि अपनी पार्टीके कितने ऐसे नेताओं कोठिकाने लगा दिया है,इसका कोई हिसाब नहींहै। आजभाजपा को उमा की बहुत जरूरत है।...
पश्चिम उत्तर प्रदेश के दलित, मुस्लिम, पिछड़ा वर्ग और जाट बाहुल्य पट्टी में कई विधानसभा सीटों पर जाट अपनी निर्णायक भूमिका में हैं, जो राजनीतिक मामलों में ज्यादातर चौधरी अजित सिंह के ही साथ चलते हैं। कोई भी स्थिति रही हो अजित सिंह का राजनीतिक महत्व हमेशा से कायम है।...
वित्तमंत्री थिरू पी चिदंबरम के बजट से यह समझने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए कि राहतों का यह पिटारा केवल जादुई है जिसे वोटों के लिए खोला गया है। यह कांग्रेस की लोकसभा के चुनाव की तैयारी है। बिल्कुल साफ है कि इसी साल के अंत तक ये चुनाव हो जाएंगे।...
भुवनचंद खंडूरी की सफलता और विफलता का रिपोर्ट कार्ड उत्तराखंड की जनता ही तैयार करेगी न कि यहां की नौकरशाही। मगर वे फौजी फार्मूले से चलते हैं और जनता तिवारी फार्मूले को ज्यादा समझती है। कहने वाले नहीं चूकते हैं कि तिवारी तो कांग्रेस की गुटबाजी के कारण सत्ता से बाहर हुए लेकिन खंडूरी अपनी ही रणनीतियों के मुगालते में उत्तराखंड...