बर्लिन में ‘डेज ऑफ इंडिया इन जर्मनी’ के समापन समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि चांसलर एंगेला मेर्केल के मई 2011 में दिल्ली में शुरू किए गए इस खूबसूरत समारोह की यह श्रृंखला न केवल भारत-जर्मनी के 62 वर्षों के राजनयिक रिश्तों की प्रतीक रही है, बल्कि इसने भारत और जर्मनी के लोगों के आपसी दीर्घकालिक जुड़ाव को भी...
भारत सरकार और रूसी संघ ने आपातकालीन प्रबंधन के क्षेत्र में 21 दिसंबर, 2010 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए समझौता पत्र से स्थापित संयुक्त आयोग के संरचना कार्य और प्रक्रिया को परिभाषित करने वाले विनियमन पर 10 अप्रैल, 2013 को मॉस्को में, हस्ताक्षर किए। इस समझौता पत्र पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और रूस संघ के नागरिक सुरक्षा, आपात स्थिति तथा प्राकृतिक आपदाओं के परिणाम के...
बर्लिन में भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी वार्ता के दूसरे दौर की समाप्ति पर मीडिया को जारी वक्तव्य में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आर्थिक सहयोग भारत-जर्मनी के संबंधों की महत्वपूर्ण विशेषता है, विश्व स्तर पर जर्मनी भारत का बड़ा आर्थिक सहयोगी है। उन्होंने कहा कि हमने भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और अपनी योजना को...
भारत की केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने 2 अप्रैल को लंदन के इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ किंग्स कॉलेज में टैगोर सेंटर फॉर ग्लोबल थॉट का उद्घाटन किया। चंद्रेश कुमारी कटोच, लंदन की तीन दिवसीय यात्रा पर थीं। गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती समारोह के भाग के रूप में स्थापित यह केंद्र टैगोर संबंधी अकादमिक बौद्धिकता और दर्शन को विश्व स्तर पर बढ़ावा देगा...
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद यूगांडा की यात्रा पर है। वे यूगांडा के शहर कंपाला में एशिया, अफ्रीका और लातीनी अमरीका के 25 देशों के संगठन की कार्यकारी समिति की 22वीं बैठक की अध्यक्षता के लिए वहां गये हैं। आजाद ने यूगांडा गणराज्य के उपराष्ट्रपति एडवर्ड स्कांडी से कंपाला में भेंट की...
नेपाल के प्रधानमंत्री खिलराज रेग्मी से आशा की जा रही है कि नेपाल में चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता और प्रशासनिक विफलताओं का एक दौर खत्म होगा और नेपाल स्थिर राजनीति की तरफ बढ़ेगा। नेपाल में जबसे लोकतंत्र आया है, तबसे नेपाल की स्थिति में कोई ऐसा सुधार नहीं देखा गया है, जो नेपाल की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता हो। माना...
मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी के साथ बैठक के बाद भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि दोनों के बीच बहुत व्यापक और उपयोगी विचार विमर्श हुआ है, जो दोनों देशों के प्रगाढ़ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की विशिष्ट प्रकृति को दर्शाता है। मिस्र के बेहद महत्वूपर्ण दौर में हुई उनकी भारत यात्रा दोनों के संबंधों...
भारत और बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रियों ने स्वास्थ्य संबंधी समझौता ज्ञापन पर आज यहां हस्ताक्षर किए। भारत की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद तथा बांग्लादेश की ओर से डॉ एएफएम रूहल हक़ ने हस्ताक्षर किए। भारत और बांग्लादेश अब जिन क्षेत्रों में आपसी सहयोग करेंगे वो...
पिछले डरबन सम्मलेन और अब इस रियो+20 सम्मेलन में भारत उस तरह मुखर नहीं नज़र आया है। तेजी से विकसित हो रहे चार देशों के ‘बेसिक’ समूह में अब ब्राजील और चीन के प्रतिनिधि ज्यादा सक्रिय नजर आते हैं, हमारी स्थिति लगता है, बस चौथे देश दक्षिण अफ्रीका से बेहतर रह गई है! विचित्र बात यह है कि ख़तरनाक ग्रीनहाउस गैसों का प्रसार दुनिया में...
ओबामा ने यह स्वीकार किया कि चुनाव में कांटे की टक्कर होगी, फिर भी माना जा रहा है कि ओबामा ने काफी काम किया है, जिससे अमरीकी जनता ओबामा को उनकी देश के प्रति उपलब्धियों को देखते हुए एक और अवसर देने जा रही है। एक टर्म किसी देश की समस्या को पूर्णंरूप से सुलझाने के लिए पर्याप्त नहीं होता है। निःसन्देह उन्होंने अमेरिकी जनता के...
भारत और अमरीका का संयुक्त रूप से विकसित ओजीपीएल एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकार के आंकड़ों और दस्तावेजों तक जनता की पहुंच को बढ़ाना है और सरकार के साथ लोगों को जोड़ने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना है। यह प्रयास दोनों पक्षों की सामूहिक क्षमता का लाभ उठाने का परिणाम है। ओजीपीएल की मुख्य विशेषताएं...
लादेन का मारा जाना अमरीकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के लिए वरदान बना है तो पाकिस्तान के लिए नरक बन गया है। अमेरिका दस साल से जो ख़बर सुनना चाहता था वह उसे ओबामा से मिली है इसलिए ओबामा का दोबारा से अमरीका का राष्ट्रपति होने का सपना पूरा समझिए। पाकिस्तान दुनिया के सामने दस साल तक झूठ बोलता रहा और आखिर अमेरिका ने उसके घर...
धरती पर अनियंत्रित विकास एवं प्राकृतिक संसाधनों के क्षमता से अधिक दोहन के दुष्परिणामों का कोई अंत नहीं हुआ है। जापान का यह विनाश दुनिया के लिए एक और चेतावनी भर है जिसमें यह संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि दुनिया में ऐसे ही विकास की होड़ और आंधी चलती रही तो किसी दिन पूरी दुनिया सोती ही रह जाएगी और धरती और पाताल का पता भी नहीं...
अमरीका में रह रहे भारतीयों में अब यह बात उठ रही है कि अमरीकी अर्थव्यवस्था में उनके गैर भारतीय मुल्कों से भी ज्यादा उल्लेखनीय योगदान के बावजूद भारतीयों के साथ सबसे ज्यादा नस्लीय भेदभाव और उन पर भद्दी नस्लीय टिप्पणियां बढ़ती जा रही हैं। भारतीय समुदाय को खुलेआम कॉकरोच, बोदा, बिकाऊ और लालची तक कहा जाने लगा है। अमरीका में भारतीयों को कोई चाहे कितना बुरा कहकर चला जाए इसका कोई संज्ञान नहीं...
क्या भारत वास्तव में एक असहाय देश है और हथियार कंपनियों का मोहताज है? इस्राइल को भारत के कुछ राजनीतिक दल भारत का हितैषी मानते हैं, किसलिए? क्या इसलिए कि उसके यहां की हथियार निर्माता कंपनियां भारत को हथियार सप्लाई करती हैं? वीडियो में देखिए की 'जांबाज मर्द' इस्राइल, 'असहाय महिलाएं' भारतीय के जीवन की पूरी सुरक्षा और संरक्षण...