आजादी से आज तक बहुत कुछ बदला लेकिन इतवारी वहीं के वहीं हैं। उनकी गरीबी से आज़ादी का नंबर अभी तक नहीं आया? स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस इनके समारोहों में सड़क किनारे खड़े होकर और पुलिसवालों के धकियाने पर भी इतवारी और उनके बच्चे ही खुशी में हाथ में झंडे लहराते हुए समारोह की शोभा बढ़ाते दिखाई देते हैं।...