सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य भारतीय इतिहास के उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जिन्होंने इतिहास की धारा मोड़कर रख दी। वे पृथ्वीराज चौहान (1179-1192) के बाद इस्लामी शासनकाल के मध्य दिल्ली के संभवतः एकमात्र हिंदू सम्राट, जो विद्युत की भांति चमके और दैदीप्यमान हुए। उन्होंने अलवर (राजस्थान) जिले के मछेरी गांव में जन्म लेकर एक व्यापारी,...
‘रानी की वाव’ के शिलालेख को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की घोषणा की गई है। दोहा, कतर में इस समय चल रहे यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सत्र में यह मान्यता प्रदान की गई। यूनेस्को ने इसे तकनीकी विकास का एक ऐसा उत्कृष्ट उदाहरण मानते हुए मान्यता प्रदान की है, जिसमें जल-प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था और भूमिगत जल का इस्तेमाल...
उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने आज 'वर्तमान और भविष्य के लिए पारंपरिक संस्कृति की प्रासंगिकता' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हामिद अंसारी ने कहा कि हम अपनी परंपरा से ज्ञानार्जित करते हैं, विद्वानों ने विभिन्न कालावधि के दौरान कठिन श्रम...
कोलकाता में इंडियन म्यूजियम के द्विशताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि कोलकाता में म्यूजियम की स्थापना न केवल अन्य संग्रहालयों अपितु राष्ट्रीय महत्व के कई संस्थानों के लिए आदर्श बन गई है। यह विडंबना है कि पश्चिमी शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने इंडियन म्यूजियम की उस समय स्थापना की,...
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने हुमायूं के मकबरे का जीर्णोद्धार पूरा होने पर कहा है कि हमारी विरासत विशेषकर स्मारक लोगों के लिए बोझ नहीं हैं, अभिनव उपायों के माध्यम से यह आस-पास रह रहे लोगों के लिए आजीविका के रूप हैं। उन्होंने कहा कि हम विरासत के जीर्णोद्धार में स्थानीय समुदाय के भागीदार बनने का...
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कल राजस्थान में चितौड़गढ़ दुर्ग में विश्व धरोहर पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने दुर्ग के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित विवरण पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। चितौड़गढ़ दुर्ग राजस्थान के उन छह पर्वतीय दुर्गों में से एक है, जिसे हाल ही में युनेस्को...
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निष्पादन लेखा परीक्षण के बाद, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संसद में 23 अगस्त 2013 को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा है कि देश के 92 स्मारक या स्थल विलुप्त हो चुके हैं या फिर उनका पता नहीं लगाया जा सका है। सीएजी की इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र अधिकारियों से कहा गया है...
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ सर्किल, लखनऊ ने हाल ही में ऐतिहासिक झांसी किले में उसकी 400वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर ‘कौमी एकता का प्रतीक:झांसी दुर्ग’ पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच इसमें मुख्य अतिथि थीं। समारोह में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री...
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज चेन्नई में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के रजत जयंती समारोहों में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि और सामाजिक इतिहास के क्षेत्र में वर्ष 2013 एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को पारित किया गया और इस संबंध में...
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने शुक्रवार को राष्ट्रीय संग्रहालय में सजावटी कलाकृतियां-1 की नवीनीकृत गैलरी का उद्घाटन किया। सजावटी कलाकृतियां, उपयोगी वस्तुओं के डिज़ाइन और सजावट से संबंधित हैं। इस समूह की कलाकृतियां हाथी दाँत, जेड, सिरेमिक, वस्त्र, लकड़ी, धातु, कांच, काग़ज, चमड़ा और हड्डियों जैसी...
राजस्थान के पहाड़ी किलों को विश्व विरासत सूची में शामिल करने की यूनिस्को की विश्व विरासत समिति ने मंजूरी दे दी है। यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने अपने 37वें सत्र में राजस्थान के 60 पहाड़ी किलों के नाम भी विश्व विरासत सूची में दर्ज करने की मंजूरी दी है। राजस्थान के ये 6 किले हैं-चित्तौड़गढ़ किला चित्तौड़गढ़ एएसआई, कुंभलगढ़...
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कहा है कि संस्कृति के क्षेत्र में अभिनवता और उद्यमिता की काफी संभावना है, कला के इतिहास, संरक्षण और संग्रहालय-विज्ञान के राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कटोच ने कहा कि जिस प्रकार हमारा देश आगे बढ़ रहा है, निश्चित तौर पर अवसरों...
भारत में पारंपरिक औषधियों का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। स्वास्थ्य, विकृतियों और प्राकृतिक पद्धतियों की सबसे पहली प्रलेखित जानकारी वैदिक साहित्य में मिलती है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए औषधीय पौधों के उपयोग की परंपरा शताब्दियों पहले विकसित की गई थी, जिसका इस्तेमाल अब परंपरागत चिकित्सा उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में हो रहा है। ये बातें...
लेजिस्लेटिव काउंसिल (उत्तर प्रदेश विधान मंडल) की स्थापना 8 जनवरी, 1887 को हुई थी तथा इसकी प्रथम बैठक थार्नहिल मेमोरियल हॉल, इलाहाबाद में हुई थी। लेजिस्लेटिव काउंसिल के गणमान्य सदस्यों में पं मोतीलाल नेहरू, महामना मदनमोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, सैय्यद अहमद, पं गोविंद बल्लभ पंत तथा सीवाई चिंतामणि प्रमुख रहे थे। उत्तर...
क्रांति की शक्ति सिर्फ पुरुषों को ही आकृष्ट नहीं करती है, बल्कि महिलाओं को भी वैसे ही आकृष्ट करती आ रही है, इसीलिए हर युग के इतिहास में महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने चंडी का भी रूप धरा और अपनी अदम्य शक्ति का लोहा मनवाया।...