बिशारिया शिक्षा सेवा समिति व अखिल भारतीय अगीत परिषद लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में सेक्टर बी राजाजीपुरम लखनऊ के सभागार मे मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रंगनाथ मिश्र 'सत्य' की अध्यक्षता में हुआ। वाणी वंदना से त्रिवेणी प्रसाद दुबे, 'मनीष', अवधेष मिश्र, शांता नंद, मुरली मनोहर कपूर ने काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ रंगनाथ मिश्र 'सत्य'...
उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कल नई दिल्ली में शाह वलीउल्लाह इंस्टिट्यूट के तत्वावधान में मुफ्ती अताउर रहमान अंसारी की पुस्तक ‘मैमार-ए-कौम-डॉ एआर किदवई’ का विमोचन किया। इस अवसर पर हामिद अंसारी ने कहा कि इस पुस्तक में बहुत ही सृजनात्मक तरीके से डॉ किदवई के यादगार संस्मरणों का संकलन किया गया है और इसके...
साहित्य सर्वोत्तम विलास है। इसका अनुभूतिपरक सृजन चिद्विलास है। विचारपरक सृजन भी आनंददाता हैं। पठन-पाठन भी रमणकारी है और इसका साधन है-पुस्तकें। पुस्तक प्रेम भी सामान्य नहीं। इस प्रेम को क्या कहें? क्या नाम दें? संकेत मात्र हो सकते हैं इस प्रेम के। यह अनुपम, अद्वितीय, अनूठा और बेजोड़ है। पुस्तकें सीधे संवाद करती हैं। वे...
आल इंडिया कैफ़ी आज़मी अकादमी के प्रेक्षागृह में ओबीओ लखनऊ चैप्टर की काव्य गोष्ठी हुई, जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के जाने-अनजाने रचनाकार शामिल हुए। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रामदेव लाल ‘विभोर’ ने की, जबकि मुख्य अतिथि ओबीओ के संस्थापक गणेश जी ‘बागी’ थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध नवगीतकार मधुकर अस्थाना...
रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने रेल पटरियों के डिजाइन, निर्माण एवं रखरखाव से संबंधित पुस्तक रूबी जुबली के 40वें वार्षिक संस्करण का आज यहां विमोचन किया। इस पुस्तक को मशहूर सिविल इंजीनियर एमएम अग्रवाल ने लिखा है, जो भारतीय रेलवे में 33 वर्षो की सेवा के बाद चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत हुये हैं। यह पुस्तक 1973 में लिखी...
लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों और बैठकों ने दुनिया में बड़ा ही नाम कमाया है। लखनवी तहज़ीब, इमामबाड़ा, भूलभुलैया, लखनऊ विश्वविद्यालय और यहां के नवाबों के विख्यात किस्से तो खूब ही सात समंदर पार तक सुने-सुनाए जाते हैं, उनपर किताबें लिखी जाती हैं, शेर-औ-शायरी होती है, मगर इनके उद्गमों की जगह का उल्लेख किए बिना इन धरोहरों का इतिहास...
उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में टाइम्स ऑफ इंडिया के 175 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर मोमेन्टस टाइम्स शीर्षक की एक पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पुस्तक एक उमदा संग्रह है, इसमें इतिहास के चुने हुए हिस्सों की तीक्ष्ण झलक है तथा इसमें लाभदायक पठन सामग्री है। उन्होंने...
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज यहां निर्माण भवन में ‘इंडियन फार्मेकोपिया 2014’ के सातवें संस्करण का विमोचन किया। इस संस्करण में फार्मेकोपिया के दायरे को बढ़ाकर जैव प्रौद्योगिकी के उत्पाद, स्थानीय जड़ी-बूटियों, जड़ी- बूटियों के उत्पाद, पशु चिकित्सा के टीके, एंटी रेट्रोवाइरल...
कहानीकार दुष्यंत अपनी कहानियों में बिल्कुल नए ज़माने की सच्चाइयों का संधान करते हैं और इसके लिए वे किसी भी पारंपरिक शिल्प को जस का तस स्वीकार नहीं करते। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज की हिंदी साहित्य सभा के 'रचना पाठ और लेखक से मिलिए' कार्यक्रम कहानीकार दुष्यंत के पहले कहानी संग्रह 'जुलाई की एक रात' पर परिसंवाद...
सीहोर के कथाकार पंकज सुबीर का कहना है कि प्रवासी हिंदी साहित्य किसी भी तरह से मुख्यधारा के साहित्य से कमतर नहीं है, बेशक फ़िलहाल इसकी बहुत चर्चा नहीं हो रही है, मगर इस बात का इत्मिनान रखिए कि आपकी कहानियां पाठक पहचान रहे हैं। उनका कहना है कि लेखक के लिये पाठक ही महत्वपूर्ण है, वही कहानी को ज़िंदा रखेगा। लंदन में कथा यूके...
राजस्थान साहित्य अकादमी तथा बीएस मेमोरियल शिक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में अलवर में ‘वर्तमान समय और युवा साहित्य’ विषय पर साहित्यकार सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त कर इस बात पर चिंता प्रकट की कि साहित्य को भ्रष्ट बनाया जा रहा है, उसे केंद्रीयकृत कर दिया गया है, जबकि इसकी...
हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार काशीनाथ सिंह ने कहा है कि राजनीति में जो हो रहा है, दुर्भाग्य से वैसा ही कुछ साहित्य में भी हो रहा है और आज आलोचना में रचना की बजाय रचनाकार को ध्यान में रखा जाता है, पल्लव इस मायने में सबसे भिन्न हैं कि उनकी नज़र हमेशा रचना पर ही रहती है। काशीनाथ सिंह रविवार को प्रयास संस्थान की ओर से शहर के सूचना...
कृष्ण के चरित पर अनेक रचनाएं साहित्य में मिलती हैं, किंतु सभी रचनाओं में हमें लीलाधारी कृष्ण, नटखट कृष्ण, कंस के संहारक कृष्ण, महाभारत के कृष्ण आदि रूपों का वर्णन मिलता है। महाभारत के बाद द्वारिका लौट गए श्रीकृष्ण के जीवन को किसी रचनाकार ने अपनी रचना का आधार नहीं बनाया है...
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय रिज़र्व बैंक के इतिहास पर पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि भारतीय रिज़र्व बैंक का इतिहास स्वतंत्रता के समय से ही हमारे देश की वृद्धि का इतिहास है, रिज़र्व बैंक ने देश के लिए गौरवमयी भूमिका निभाई है, इसने मौद्रिक नीति तैयार करने, क्रेडिट नीति तैयार करने और यदि...
सब कुछ नहीं जाना जा सकता। जीवन की सीमा है, सृष्टि अनंत है, लेकिन जानने का अपना रस है। ज्ञान रसिक अथक जुटे रहते हैं। अकथ का पता तो भी नहीं चलता। पुराणों में शौनक का नाम बहुत आया है। पुराणों में शौनक प्रश्न करते हैं, सूत जी बोलते हैं। शौनक शानदार प्रश्नकर्त्ता हैं। मुंडकोपनिषद् इन्हीं शौनक के मूलभूत प्रश्न से शुरू होती है। शौनक पहुंचे ऋषि अंगिरा के पास। पूछा, ऐसा क्या है?...