दुनिया वाले भी समझ बैठे हैं कि हिंदुस्तान बेईमानों, बोदों, जलीलों और भ्रष्टाचारियों का देश है। मनमोहन सिंह क्या देश के प्रधानमंत्रियों के इतिहास में इस रूप में दर्ज होने के लिए तैयार हैं कि उनके कार्यकाल में दुनिया में देश की यह छवि और उनकी प्रशासनिक विफलताओं के साथ भ्रष्टाचार चरम पर फला-फूला? क्या वे समझते हैं कि देश...
भले ही इस सच्चाई को गंभीरता से न लिया जाए किंतु यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता और दलित राजनीति की लड़ाई 'मायावती बनाम पीएल पुनिया' में शीघ्र ही बदल जाएगी। वे उस समाज में भी अपनी सहानुभूति खो रही हैं जो उन्हें सर आंखों पर बैठाकर अपना मसीहा और कुलदेवी मान बैठा है। मायावती जिस 'भ्रष्ट सिंडिकेट' के चंगुल में हैं उससे उनका...
क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ निशंक यह बात स्वीकार करते हैं कि उनके राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का अभाव है? और यदि यह सही है तो वे राज्य में आने वाले बाकी उद्यमियों की मूलभूत आवश्यकताओं को कैसे पूरा करेंगे? आज से नहीं बल्कि इस राज्य के अस्तित्व में आने के बहुत पहले से ही उत्तराखंड की स्वर्ग सी समृद्धशाली और सम्मोहन...
गुजरात की मानव बम इशरत जहां, भारतीय जनता पार्टी के लिए बिहार विधान सभा चुनाव में सशक्त चुनावी मुद्दा बन गई है। हेडली का रहस्योद्घाटन भाजपा के सुपर स्टार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक 'कलंक' से मुक्ति और एक वरदान बन गया है। इंटरनेट पर धूम मचा रहे नरेंद्र मोदी के सामने ऐसे समय पर इशरत जहां के पैरोकार राजनीतिक...
भारत के जनसेवक अपनी जवाबदारी भूल चुके हैं, यह बात पूरी तरह स्थापित हो चुकी है। क्या न्यायालय स्वयं ही इस मामले में संज्ञान लेकर इन सभी से यह पूछ सकता है कि छब्बीस साल तक सभी गोपनीय राजों को अपने सीने में दफन करने वालों की नींद अब क्यों टूटी है और उन्होंने किसके दबाव में अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ा था? सोनिया गांधी को भी...
क्या बौद्ध धर्म से उन्हें यही शिक्षा मिली है कि वे जातीय नफरत पैदा करें, दूसरों के धर्मों, महापुरूषों, उनके पूज्य देवी-देवताओं वेदों शास्त्रों का अपमान करें? उन्हें ही क्या यह किसको अधिकार है कि वह ऐसा कृत्य करे कि दूसरों की भावनाएं आहत हों? ऐसा करने की हिम्मत तभी हो सकती है जब उसको किसी शक्तिशाली की शह प्राप्त हो। क्या मायावती या उनकी सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को यह मालूम नहीं...
उत्तर भारत से विमुख होते हुए दक्षिण की ओर रूख कर रही भाजपा के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी का इंदौर एजेंडा उनके दस फीसदी वोटों का इजाफा ऐसे कर पाएगा? खुद कॉडर भाजपाई ही कह रहे हैं कि भाजपा की धंसती जमीन और उसकी आंतरिक कलह पर खड़े ये वो सवाल हैं जिनका उत्तर केवल इंदौर में सपने देखने से ही प्राप्त नहीं किया जा सकता। अपने ज़मीनी कार्यकर्ताओं...
रंगनाथ मिश्र आयोग की सदस्य सचिव आशा दास ने तो इसाई और मुसलिम दलितों को अनुसूचित जाति वाला आरक्षण देने की सिफारिश का विरोध करने के साथ सलाह दी है कि हमारे देश में धर्म और जाति के आधार आरक्षण देने से निहित स्वार्थों का लाभ ही हो रहा है, इसलिए सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में बदलाव करे और धर्म और जाति के आधार के बगैर परिवार को इकाई मान कर सभी ऐसे परिवारों की सहायता के लिए विशेष कदम उठाए...
मुलायम और अमर में रिश्तों को लेकर उठे तूफान को अब देर-सवेर निर्णायक तबाही तक पहुंचने से शायद ही कोई रोक पाए। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एक दलाल और एक राजनीतिज्ञ के बीच में एक दिन ऐसा होना ही था। इनमें इतना बड़ा अंतर है कि राजनीतिज्ञ एक राजनीतिज्ञ होता है जबकि दलाल सिर्फ एक दलाल। इसलिए मुलायम सिंह यादव भले ही आज राजनीतिक...
महिलाओं के प्रति आसक्ति या मुर्गे की टांग खाना भी दिग्गजों की कुर्सियों के लिए खतरा बनते आए हैं। अपनी संतुष्टी, ब्लैकमेल या किसी अन्य लाभ की आशा में राजनीतिक साजिशें रचने वालों के कारण न केवल समाज और देश संकट में खड़ा दिखाई देता है अपितु एक नहीं बल्कि कई हस्तियों और राजनेताओं का राजनीतिक जीवन समाप्त हो जाता है। देखा जाए...
उत्तर प्रदेश में कड़े राजनीतिक संघर्ष और अपनी ही रणनीतियों के असली सच का आज सामना कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव। वे कहां खड़े हैं? वे धरती-पुत्र के नाम से विख्यात हैं लेकिन आज यह खिताब और उनकी ख्याति दोनों ही ख़तरे मे हैं। उनके सारथी अमर सिंह ने उन्हें ऐसे रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब वे...
यूपी के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने सोचा होगा कि एमएलसी सुनील सिंह से भी वे उनका बंगला या उसकी जमीन ले लेंगे लेकिन यह पासा उल्टा पड़ गया है। इसे लेने के लिए जिस प्रकार का दबाव बनाया है वह रिकार्डिंग सुनकर समझा जा सकता है। बंगले के अधिग्रहण की भी वे इशारे-इशारे में धमकी दे रहे हैं। इस टेप मे सबसे अहम बात यह है कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शैलेश कृष्ण बड़े ही आत्म विश्वास से कोर्ट की बेंच...
मधु कोडा, देश में कांग्रेस की राजनीति का एक घोर पाप है, जिसका घड़ा धड़ाम से फूटा है। उसने झारखंड में निरीह और भोले-भाले आदिवासियों पर भारी भरकम अजगर छोड़ दिए जिन्होंने झारखंड को लूट-खसोट कर उसे नक्सलियों की आग में जलने को छोड़ दिया। मधु कोडा जैसे दैत्य कभी सर न उठाते यदि कांग्रेस झारखंड में भाजपा को पटकनी देने के लिए राजनीतिक...
बहुजनमायावती और अमर सिंह समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच घटिया दर्जे का वाक-युद्ध अपने चरम पर है। उत्तर प्रदेश्ा की तेईस करोड़ की आबादी पर समय-समय पर राज करने वाली इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने सत्ता को हथियाने और अपना कब्जा बनाए रखने के लिए जिन हथकंडों का इस्तेमाल किया हुआ है उनसे प्रबुद्ध वर्ग...
'निशंक' के सामने उत्तराखंड के भाजपा के शीर्ष नेताओं में सामंजस्य स्थापित करके चलने की जरूरत है जिसमें भगत सिंह कोश्यारी को भी संतुष्ट रखना होगा। इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य में एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा यहां तभी जनता का खोया हुआ विश्वास हासिल कर सकती है जब उसके लीडर राजनीति के 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' से चलेंगे...