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नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डी नेपोलियन ने राज्यसभा में बताया है कि मंत्रालय, राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए गुजरात सहित देश में अनुसूचित जातियों के विकास के कई क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि शैक्षिक विकास की योजनाएं ‘अस्वच्छ’ व्यवसायों में लगे लोगों के बच्चों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति (अनुसूचित जातियों और गैर-अनुसूचित जातियों के लिए) अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति, उत्कृष्ट श्रेणी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय समुद्रपारीय अध्येतावृत्ति, राजीव गांधी राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति, योग्यता का उन्नयन, बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना, अनुसूचित और अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क कोचिंग।
आर्थिक विकास की योजनाएं-अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता, हाथ से मैला साफ करने वाले सफाई कर्मचारियों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना, रियायती दर पर ऋण-राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति विकास निगम, राज्य अनुसूचित जाति विकास निगम, अन्य योजनाएं-नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के कार्यान्वयन संबंधी योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों के लिए सहायता, डॉ अंबेडकर प्रतिष्ठान इन योजनाओं में शामिल हैं।
नेपोलियन ने यह भी बताया कि वर्ष 2010-11 के दौरान अनुसूचित जातियों के विकास के लिए योजनाओं के अंतर्गत 3325 करोड़ रूपये के बजट प्राक्कलन की तुलना में वास्तविक व्यय 3327.12 करोड़ रूपये था। वर्ष 2011-12 के लिए बजट प्राक्कलन 4051 करोड़ रूपये है और 2 दिसंबर 2011 तक व्यय 2396.24 करोड़ रूपये है। मंत्रालय इन योजनाओं के कार्यान्वयन की मॉनिटरिंग राज्यों के फील्ड दौरों, तिमाही/अर्धवार्षिक/वार्षिक रिपोर्टों, उपयोग प्रमाण पत्रों, और राज्यों के साथ वार्षिक समीक्षा बैठक के माध्यम से कर रहा है।